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6 years ago
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार (Modi Govt) ने बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है. आर्थिक तौर पर कमज़ोर सवर्णों (Quota For Economically Weak) को सरकारी नौकरियों में 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का फ़ैसला किया है. इसके लिए सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में संविधान संशोधन बिल पेश किया और उसे पास भी कर लिया. बिल के समर्थन में 323 वोट और विरोध में महज 3 वोट पड़े. राज्यसभा में बुधवार को इस बिल को पेश किया जाएगा. इस विधेयक को लेकर मंगलवार को करीब 5 घंटे तक चली बहस में लगभग सभी दलों ने इसका पक्ष लिया, लेकिन किसी ने भी इसका खुलकर विरोध नहीं किया. हालांकि कई सांसदों ने इस विधेयक को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल भी खड़े किए. कांग्रेस ने कहा कि वह आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों को शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए लाए गए विधेयक के समर्थन में है, लेकिन उसे सरकार की मंशा पर शक है. पार्टी ने कहा कि सरकार का यह कदम महज एक 'चुनावी जुमला' है और इसका मकसद आगामी चुनावों में फायदा हासिल करना है. वहीं, बसपा, सपा, तेदेपा और द्रमुक सहित विभिन्न पार्टियों ने इसे भाजपा का चुनावी स्टंट करार दिया. बता दें कि बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को लोकसभा में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया था. गरीब सवर्णों के लिए 10 फ़ीसदी का यह आरक्षण 50 फ़ीसदी की सीमा से अलग होगा. केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को इस संशोधन को मंज़ूरी दी थी. माना जा रहा है कि सरकार ने ये क़दम बीजेपी से नाराज़ चल रहे सवर्णों के एक बड़े धड़े को लुभाने के लिए उठाया है. इसी बीच शीत सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही एक दिन बढ़ा दी गई है, यानी अब राज्यसभा में 9 जनवरी तक कामकाज होगा. माना जा रहा है कि सरकार ग़रीब सवर्णों को 10 फ़ीसदी आरक्षण देने का जो संविधान संशोधन बिल लाने जा रही है, उसी के मद्देनज़र राज्यसभा की कार्यवाही बढ़ाई गई है.

 

Parliament Winter Session Updates: 

पीएम नरेंद्र मोदी ने गरीबी सामान्य वर्ग के लोगों के आरक्षण से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद सभी पार्टियों के सांसदों को धन्यवाद कहा.
लोकसभा से बिल के पास होने के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक बिल है. जिन लोगों को अब तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल सका है, वे इससे लाभान्वित होंगे. यह लंबे समय से लोगों की मांग थी. यह बिल राष्ट्र के हित में लाया गया है. मुझे विश्वास है कि यह राज्यसभा में भी पारित हो जाएगा.
आर्थिक आधार पर आरक्षण का बिल लोकसभा से पास. बिल के समर्थन में 323 वोट पड़े, वहीं विरोध में सिर्फ 3 वोट.
आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल पर जारी चर्चा के बीच AIADMK ने किया वॉकआउट..

केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि पहले जो भी आरक्षण का कोटा बढ़ाने के लिए प्रस्ताव आए थे, वह संवैधानिक प्रावधान के बगैर आए थे. इसलिए कई ऐसे मामलों में न्यायालय ने आदेश को निरस्त किया था. पीएम मोदी की नीति और नीयत अच्छी है.
कट्टरपंथी को छोड़ उदारवादी बनकर सोचने की जरुरत है और ये विधेयक इसी का परिणाम है: हुकुमदेव नारायण
आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल पर जारी चर्चा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद पहुंचे.
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हम इसका समर्थन करते हैं, लेकिन इसका जुमला नहीं होना चाहिये. 
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान ने कहा कि ये चुनावी स्टंट है. अगर गरीबी का ख्याल होता तो ये बिल पहले सेशन में लाया जाता.
NCP सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि ये बिल गरीबों के सपोर्ट के लिए है, लेकिन अगर विस्तृत चर्चा के साथ पास होता तो बेहतर था.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार को हमेशा दलित विरोधी कहा जाता था, लेकिन सरकार ने SC/ST ऐक्ट में सुधार करके लोगों को मजबूत किया. उन्होंने कहा कि मैं आरक्षण के समर्थन में हूं, लेकिन  निजी क्षेत्र और न्यायपालिका में भी मिले आरक्षण.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार को हमेशा दलित विरोधी कहा जाता था, लेकिन सरकार ने SC/ST ऐक्ट में सुधार करके लोगों को मजबूत किया. उन्होंने कहा कि मैं आरक्षण पर इस बिल का समर्थन करता हूं और पीएम को बधाई देता हूं. उन्होंने सबका साथ- सबका विकास नारा दिया था, यह उसी की ओर एक कदम है.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि मैं इस बिल का समर्थन करता हूं.
TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि आरक्षण बिल युवाओं को झूठे सपने और झूठी उम्मीदें देगा.
TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सरकार के कार्यकाल के केवल 100 दिन के लगभग बचे होने के वक्त पर ये बिल लाना सवाल खड़े करता है.

AIADMK  सांसद एम थंबी दुरई ने कहा कि 10% आरक्षण का मतलब क्या है? उन्होंने कहा कि 50% को बढ़ाकर पहले 69% किया जाए.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की आज परीक्षा है कि जो चुनावी घोषणापत्र में उन्होंने लिखा है उसे पूरे मन से समर्थन देते हैं या नहीं.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि मेरा सदन में सबसे आग्रह है कि अगर आप इस बिल को सपोर्ट कर रहे हैं तो अच्छे दिल से इसे समर्थन दीजिए..

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि पहला आरक्षण SC/ST समुदाय के लिए हुआ था. ओबीसी को आरक्षण दिए जाने के समय भी काफी विवाद हुआ था.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि शुरुआत में जो संविधान बनाया गया था, उसमें सेक्युलर शब्द नहीं था बाद में जोड़ा गया लेकिन उसमें दो बेहद अहम शब्द थे, न्याय और समान अवसर उपलब्ध कराना.
कांग्रेस ने आरक्षण बिल को जेपीसी में भेजने की मांग की.
जनरल वर्ग को 10% आरक्षण दिए जाने को लेकर सदन में वित्त मंत्री अरुण जेटली कर रहे हैं चर्चा.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने बहस की शुरुआत की.
जनरल को 10% आरक्षण दिए जाने को लेकर लोकसभा में बहस शुरू.
आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए संविधान संशोधन बिल पर शाम 5 बजे लोकसभा में होगी बहस
नागरिकता संशोधन बिल 2016 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने सदन वॉक आउट किया
लोकसभा में राजनाथ सिंह का बयान : हम एनआरसी को लेकर प्रतिबद्ध हैं. अवैध प्रवासियों के खिलाफ सभी कानूनी कदम उठाए जाएंगे  

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नागरिकता संशोधन बिल 2016 पर लोकसभा में जवाब दिया है और कहा कि किसी साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा
नागरिकता संशोधन बिल पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में अपनी बात रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बिल केवल असम के लिए ही नहीं है.
जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है, "मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में हार के बाद BJP को आरक्षण देना याद आया, जब साढ़े चार साल बीत गए... वास्तव में वे आरक्षण देना नहीं चाहते हैं... अगर यह संसद में पारित नहीं हुआ, तो वे कहेंगे, 'हमने कोशिश की थी, लेकिन संसद ने पारित नहीं किया...'"
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा: ओबीसी के लिए भी आबादी के हिसाब से आरक्षण होना चाहिए था. सरकार इस लक्ष्मण रेखा (50 फीसदी आरक्षण सीमा) को पार कर रही है तो ओबीसी को उनकी आबादी के हिसाब से 54 फीसदी आरक्षण दिया जाना चाहिए. यह जो आरक्षण ला रहे हैं, हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.
समाजवादी पार्टी ने भी गरीब सर्वणों को 10 फीसदी आरक्षण के बिल का समर्थन किया है. इसके साथ ही सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा है कि ओबीसी अारक्षण को 54 फीसदी किया जाए.
मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के लिए आर्थिक आरक्षण बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है. कैबिनेट ने सोमवार को इस बिल को मंजूरी दी थी.
संसद LIVE: गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण देने के लिए संविधान संशोधन बिल पेश

 Union Minister Thawar Chand Gehlot has tabled bill for 10 percent reservation for economically weaker upper caste sections in Lok Sabha.
झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए, अदिवासियों के कोटे को 26 से 27 फीसदी किया जाए. अल्पसंख्यकों के लिए झारखंड में 5 फीसदी कोटा दिया जाए.
टीएमसी सांसदों ने सिटिजनशिप संशोधन बिल का किया प्रतीकात्मक विरोध
गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के फैसला का स्वागत करता हूं : अनुराग ठाकुर
AIUDF के सांसदों का सिटिजनशिप संशोधन बिल 2016 के विरोध में प्रदर्शन
गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाले बिल का समर्थन करेगी बहुजन समाज पार्टी (BSP) : मायावती
जेडीयू का बयान
इस बीच बिहार के मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता जयकुमार सिंह ने इसके लिए नरेंद्र मोदी सरकार को धन्यवाद दिया. 
जीतनराम मांझी का बयान
महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को जहां चुनावी नौटंकी बताया वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने केंद्र सरकार के इस निर्णय को देर से लिया गया सही एवं सकारात्मक फैसला बताया.
तेजस्वी यादव का बयान
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि 15 फीसदी आबादी वाले को अगर दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाता है तो 85 प्रतिशत आबादी वाले अनुसूचित जाति जनजाति और समाज के अन्य पिछडे वर्ग को 90 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए.

उपेंद्र कुशवाहा का बयान
हाल ही में राजग छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवहा ने कहा कि जब भी उन्होंने सरकार के समक्ष 50 प्रतिशत के आरक्षण को अपर्याप्त बताया, उन्हें यह दलीलदी गयी कि यह उच्चतम न्यायालय की तरफ से तय किया गया है और इसमें बदलाव के लिए संविधान में संशोधन करना होगा पर आज वे संविधान में बिना किसी संशोधन के लिए इस आशय का निर्णय कैसे ले रहे हैं. यह चुनावी स्टंट है और 'जुमलेबाजी' का एक अन्य उदाहरण है.

बिहार के विपक्षी दलों ने केंद्र में सत्तासीन नरेंद्र मोदी सरकार के अगड़ी जाति के आर्थिक तौर पर पिछडे लोगों को दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने के निर्णय को चुनावी स्टंट बताया है.
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