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This Article is From Jan 09, 2020

योगी जी, 2016 की सिपाही भर्ती का क्या हुआ?

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जनवरी 09, 2020 19:11 pm IST
    • Published On जनवरी 09, 2020 19:11 pm IST
    • Last Updated On जनवरी 09, 2020 19:11 pm IST

राजनीति में पूरा जीवन लगा देने के बाद कोई मुख्यमंत्री बनता है. मैं समझना चाहता हूं कि फिर काम क्यों नहीं किया जाता है. सिर्फ़ दिखने या दिखाने लायक़ योजनाओं पर ही ज़ोर नहीं लगाना चाहिए. आपकी सरकार है. आख़िर कब नौकरियों के सिस्टम को बेहतर करेंगे. कुछ तो पहले से बेहतर हो. कैसे आप आपके मंत्री झूठ मूठ के दफ़्तर आने वाले आईएएस अफ़सरों की जमात इन तरह की देरी को बर्दाश्त करते हैं.

ठीक है कि यूपी-बिहार के ज़्यादातर लड़के सांप्रदायिकता के प्रोजेक्ट में खप गए हैं. व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी ने इनके दिमाग़ को इस तरह बना दिया है कि कहीं भी एक धर्म का नाम देखते हैं, सोचना बंद कर देते हैं. इसलिए यूपी बिहार के कॉलेजों में एक तरह की मुर्दा शांति आ गई है. यह आपके लिए बहुत अच्छा है. आप इन्हें नौकरी न देकर व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी में उस एक धर्म के ख़िलाफ़ रोज़ सामग्री की आपूर्ति करवाएं. ये नौजवान नौकरी का दर्द भूल जाएंगे. मैंने उनकी सोच काफ़ी गहराई से देखी है. बीस साल तक वे इसी में लगे रहेंगे. इसिलए आपको चिन्ता करने की ज़रूरत नहीं है. भारत के युवाओं को परमानेन्ट बेरोजगार रखकर सांप्रदायिकता को राष्ट्रवाद का नाम देकर परमानेन्ट वोटर बनाया जा सकता है. ये प्रोजेक्ट यूपी और बिहार में सफल हो गया है.

फिर भी मुझे लगता है कि ये नौजवान आपके ही हैं. कम से कम इतना भी मत कीजिए कि 2016 की परीक्षा का चार साल में कोई रिज़ल्ट ही न आए. ये देरी आपकी क्षमता पर सवाल करती है. प्लीज़ कुछ करें.

रवीश सर,

मैं कोई आंदोलनकारी विचारों का व्यक्ति नहीं हूं अपितु मैं भी आम लोगों की तरह एक दाल रोटी और सुखी परिवार तथा व्यवाहरिक जीवन का आदी हूं.

जिस तरह से हर व्यक्ति बुरे से बुरे वक़्त में भगवान का सहारा लेता है चाहे भगवान उसकी सुने या न सुने, बिलकुल उसी तरह इस बुरे वक़्त में हम जैसे बेरोजगार नौजवानों ने आपको याद किया है, आशा है ऊपर भगवान और धरती पर आप हमारी ज़रूर सुनेंगे.

मैं आपके समय और ज्ञान का मान रखते हुए अपनी बात को बेहद संक्षिप्त शब्दों में कहूंगा.

मैं और मेरे हजारों बेरोजगार नौजवान साथियों ने उत्तर प्रदेश उप निरीक्षक (पुलिस) पद हेतु जून 2016 में आवेदन किया था, जिसकी परीक्षा जुलाई 2017 में कराई जा रही थी, पर सरकारी मशीनरी की नकल न रोक पाने की पुरानी बीमारी के कारण यह परीक्षा रद्द कर दी गयी. सरकार ने पुनः परीक्षा दिसंबर 2017 में कराई जिसके रिजल्ट का इंतज़ार हम नौजवान बेसब्री से कर रहे हैं. 2016 की यह भर्ती आज लगभग 2 सालो में भी नहीं पूरी कराई गयी है.

हम में से बहुत से आज अन्य बहुत सी नौकरियों हेतु तय उम्र सीमा को पार कर चुके हैं, पर हमारी सरकार और बोर्ड अभी तक इस परीक्षा का परिणाम तक नहीं घोषित कर पायी है.

यह एक ऑनलाइन एग्जाम था, जिसका परिणाम हाथों हाथ भी आ सकता है, पर सरकार महीनों बाद भी रिजल्ट देने में असफल है.

शायद आपकी चौथे स्तम्भ की भूमिका हमारी बात सरकार तक पंहुचा पाए क्योंकि हम तो असफल हैं, पहुंचाने में हमारी कुछ मदद करें, आपको देने हेतु हमारे पास बस दिल से दुआ है.

लिखने का कारण - आज कल के इस अति कठिन कम्पटीशन के जमाने हम लग कर सिर्फ एक परीक्षा हेतु ही अपने आप को तैयार कर पाते हैं, क्योंकि जो एसएससी पूछता है वह बैंक नहीं, जो बैंक पूछता है वह और कोई नहीं.

बहुत ज्ञान और मल्टी-टैलेंट नहीं है कि हम हर परीक्षा में उत्कृष्ट कर पाए, एक परीक्षा ही अंदर से बाहर तक निचोड़ लेती है, दूसरी का दम लाने में अंदर से बस दर्द निकलता है शक्ति नहीं.

Ankur
Muzaffarnagar
उत्तर प्रदेश

नोट- भाषा का बहुत बेहतर ज्ञान न होने के कारण शब्दों में कुछ भी असम्‍माननीय या गलत हो गया हो तो मैं पैर छूकर दिल से माफ़ी मांगता हूं, नादान व अबोध जानकर क्षमा कर दीजियेगा.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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