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This Article is From Sep 24, 2015

इकबाल परवेज का ब्लॉग : क्या कंगना के साथ भी वही होगा जो विद्या के साथ हुआ था?

Iqbal Parvez
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    सितंबर 24, 2015 15:57 pm IST
    • Published On सितंबर 24, 2015 15:50 pm IST
    • Last Updated On सितंबर 24, 2015 15:57 pm IST
बॉलीवुड में फिल्मों और किरदारों के प्रति संतुलन बनाना बहुत ही आवश्यक माना जाता है ख़ासतौर से अभिनेत्रियों के लिए। इस इंडस्ट्री में बड़ी हीरोइन वही है जो बड़े फिल्मकारों और बड़े अभिनेताओं के साथ काम करे। साथ ही सराहना बटोरने या अभिनय क्षमता दिखाने के लिए बीच बीच में कुछ अलग फ़िल्में भी करे जिसका भार उसके खुद के कंधे पर हो वरना कई बार कुछ अलग सी फ़िल्म किसी हीरोइन को अचानक से बड़ी सफ़लता तो दिला देती है मगर वो कामयाबी ज़्यादा दिनों तक टिकती नहीं है।

इससे पहले की ऐसी कुछ नाकामी बताऊं सबसे पहले ये बता दूं कि दीपिका पादुकोण, प्रियंका चोपड़ा, अनुष्का शर्मा या करीना कपूर एक तरफ़ शाहरुख़ सलमान, शाहरुख़, आमिर, ह्रितिक, अक्षय या अजय देवगन के साथ मसाला फिल्में करती हैं तो दूसरी तरफ़ संतुलन बनाये रखने के लिए मेरीकॉम, एन एच10, पीकू या फाइंडिंग फैनी जैसी अलग तरह की फिल्में भी करती हैं।
 

मगर, कुछ अभिनेत्रियों को महिला प्रधान फिल्में मिलती हैं जो एकदम अलग और बेहतरीन होती हैं। ऐसी फ़िल्म से अभिनेत्री एकदम कामयाबी के शिखर पर जाती हैं और 2 से 3 फिल्मों के बाद वो वापस वैसे ही नीचे जाती हैं।

विद्या बालन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था। हालांकि विद्या ने कुछ फ़िल्में बड़े सितारों के साथ कीं मगर फ़िल्म 'नो वन किल्ड जेसिका' की सफ़लता के बाद थोडा अलग रास्ता पकड़ा। उसके बाद फ़िल्म 'द डर्टी पिक्चर' में सिल्क स्मिता की भूमिका ने विद्या को अलग मुक़ाम दिला दिया। ऐसा शोर मचने लगा की विद्या से बड़ी कोई अभिनेत्री नहीं। मीडिया और दर्शकों के इस दावे को और मज़बूत आधार मिला जब विद्या की अगली फ़िल्म 'कहानी' रिलीज़ हुई।

विद्या को कहानी ने सफ़लता और सराहना दोनों दिलाईं। मगर जैसे ही 'घनचक्कर' फ्लॉप हुई, विद्या अचानक बैकफुट पर आ गई क्योंकि ये भी एक महिला प्रधान फ़िल्म ही थी। उसके बाद विद्या की फ़िल्म 'शादी के साइड इफ़ेक्ट' फ्लॉप हुई और उसके बाद 'बॉबी जासूस' भी नहीं चली और इस साल फ़िल्म 'हमारी अधूरी कहानी' भी नाकाम हो गई। हालांकि विद्या ने अपनी फिल्मो में अच्छे अभिनय किये मगर शायद संतुलन नहीं बनाया कमर्शियल और मसाला फिल्मों में। और नतीजा ये है कि विद्या आज सफ़लता के मामले में बहुत पिछड़ चुकी हैं।

कुछ विद्या जैसा ही हाल देखने को मिल रहा है कंगना रनौत का भी। फ़िल्म 'क्वीन' की सफ़लता के बाद सराहना भी मिली और कई पुरुस्कार भी। फ़िल्म 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' की सफ़लता के बाद मानो की कंगना के नाम का हाहाकार मच गया ठीक वैसे ही जैसे विद्या का मचा था। अब कंगना की फ़िल्म 'कट्टी बट्टी' नाकाम हो चुकी है ठीक वैसे ही जैसे विद्या के साथ हुआ था। अब कंगना की निगाहें टिकी होंगी फ़िल्म 'रंगून' पर जिसमें सैफ़ अली ख़ान हीरो हैं और विशाल भारद्वाज निर्देशक हैं।

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