कल हमने न्यूज़ प्वाइंट में यह सवाल उठाया था कि क्या पाकिस्तान के साथ भारत को किसी भी तरह का क्रिकेट खेलना चाहिए, क्योंकि क्रिकेट खेलना तो दूर की बात है दोनों तरफ से कोई भी किसी भी तरह का सियासी खेल खेलने का मौका नहीं छोड़ना चाहता।
अब जब 19 मार्च को होने वाले धर्मशाला के मैच को कोलकाता भेज दिया गया है तो पाकिस्तान ने नया एजेंडा खोल दिया है। पाकिस्तान बोर्ड की मांग है कि सरकार की तरफ से उसे लिखित भरोसा मिले अपने खिलाड़ियों और पाकिस्तान से आए दर्शकों की सुरक्षा को लेकर।
अब दिक्कत यह है कि सुरक्षा का विषय मूलत: राज्य का विषय होता है, लेकिन टी-20 एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट है और उम्मीद की जाएगी कि इसमें केंद्र का भी भरोसा मिले। अब इस स्थिति में यह साफ नहीं है कि पाकिस्तान के बोर्ड को आश्वासन कहां से मिलेगा और कब मिलेगा? ममता बनर्जी की सरकार से या राजनाथ सिंह के मंत्रालय से।
राजनाथ सिंह का मंत्रालय धर्मशाला के मामले में पहले ही कह चुका है कि यह राज्य और बीसीसीआई का मामला था उन्हें सुलझाना चाहिए। तो मुश्किल से दस दिन पहले टी-20 जैसे बड़े टूर्नामेंट को लेकर यह साफ नहीं है कि पाकिस्तान इसे खेलने भारत आएगा या नहीं। जबकि पाकिस्तान के तमाम मशहूर पूर्व क्रिकेटर टीवी पर विशेषज्ञ के तौर पर भारत आ चुके हैं और पहले भी आते रहे हैं।
(अभिज्ञान प्रकाश एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर हैं)
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This Article is From Mar 10, 2016
क्रिकेट के बहाने भारत-पाकिस्तान का सियासी खेल...
Abhigyan Prakash
- ब्लॉग,
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Updated:मार्च 10, 2016 20:46 pm IST
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Published On मार्च 10, 2016 20:22 pm IST
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Last Updated On मार्च 10, 2016 20:46 pm IST
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