सरकारी बैंकों के सामने एक नई चुनौती आ खड़ी हुई है. जीएसटी के महानिदेशालय ने बैंकों को नोटिस जारी कर पूछा है कि पिछले पांच साल के दौरान सर्विस टैक्स न देने के कारण क्यों न उन पर दंड और ब्याज़ लगाए जाएं? मिंट अख़बार के सलाहकार संपादक तमल बंधोपाध्याय ने लिखा है कि एक अनुमान के मुताबिक यह राशि 45,000 करोड़ के आस पास बैठती है. अगर इस पर दंड और जुर्माना लगा तो यह 13.5 खरब हो जाएगी. बैंक इतना पैसा कहां से लाएंगे.
तमल ने लिखा है कि बैंक न्यूनतम बैलेंस रखने के एवज में कई सुविधाएं फ्री देते हैं. जैसे नेट बैंकिंग से हस्तांतरण, चेक बुक जारी करना, तिमाही स्टेटमेंट, एटीएम से निकालने पर छूट. यह सब बैंक मुफ्त में सेवाएं देते हैं जो अब टैक्स के दायरे में लाए जा रहे हैं. हाल ही में बैंकों ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को मात्र 2 फीसदी सैलरी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. बैंक संकट में हैं. मुद्रा लोन का एनपीए जब बाहर आएगा, तब पता चलेगा. इस लोन को लेकर जो फ्राड हुए हैं, उसकी अगर कभी जांच हो गई तो दूसरी ही तस्वीर सामने आएगी.
अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत 75.71 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है. इस कारण सोमवार को भारतीय रुपया और कमज़ोर हो गया. पिछले 15 महीने में कभी ऐसा नहीं हुआ जब एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कीमत 67 रुपये हो गई. तेल का दाम बढ़ने के कारण डॉलर की मांग काफी बढ़ गई है. इस साल भारतीय मुद्रा का प्रदर्शन ख़राब माना जा रहा है. साल के अभी तक के हिस्से में भारतीय मुद्रा के मूल्य में 5.10 प्रतिशत की गिरावट आई है. कर्नाटक चुनाव न होता तो हर दिन तेल के दाम आसमान छू रहे होते.
देश की सबसे बड़ी प्राइवेट बैंक ICICI के कुल मुनाफे में 50 फीसदी की गिरावट आ गई है. इसका नॉन परफार्मिंग असेट 27 फीसदी बढ़ गया है. लेकिन आज शेयर बाज़ार में इस बैंक के शेयरों के दाम में 6 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई.
This Article is From May 08, 2018
GST और भारतीय बैंकों के सामने बड़ा संकट
Ravish Kumar
- ब्लॉग,
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Updated:मई 08, 2018 17:36 pm IST
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Published On मई 08, 2018 13:45 pm IST
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Last Updated On मई 08, 2018 17:36 pm IST
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