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This Article is From Jun 04, 2019

रवीश का ब्लॉग: 600 अरब का 2019 चुनाव और बैंकों में फ्रॉड के 71,500 मामले के बीच सेंसेक्स उछला 40,000 पार

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जून 04, 2019 14:28 pm IST
    • Published On जून 04, 2019 14:28 pm IST
    • Last Updated On जून 04, 2019 14:28 pm IST

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़ ने दावा किया है कि 2019 का लोकसभा का चुनाव दुनिया का सबसे महंगा चुनाव रहा है. 600 अरब ख़र्च हुआ है. सीएमएस ने अपने फील्ड अध्ययन से बताया है कि राजनीतिक दलों ने प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में 100 करोड़ ख़र्च किए हैं. प्रति वोटर 700 रुपए. हम पत्रकार और जनता के लोग भी सुनते रहते हैं कि इलाके में पैसा बंटा है. इस बार यह भी सुनने को मिला कि गांव के मौजूदा और हारे हुए प्रधानों को भी पैसा मिला है. ज़िला पंचायत के सदस्यों को भी पैसे मिलने की बात सुनते रहते हैं. इनकी पुष्टि तो संभव नहीं है लेकिन उम्मीदवार निजी बातचीत में बताते हुए पाए जाते हैं कि फलां ने 10 करोड़ बांट दिया तो फलां ने 20 करोड़. अब यह जनता ही बता सकती है कि उसने कितना लेकर वोट किया. राजनीति की यह जानी हुई बात का खंडन कोई नहीं करता. साबित भी कोई नहीं कर पाता.

भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक फ्राड के 6,800 मामले दर्ज हुए हैं और 71,500 करोड़ का चूना लगा है. उसके पहले के साल 2017-18 में 41,167 करोड़ का चूना लगा और फ्राड के 5,916 मामले दर्ज हुए हैं. विगत 11 वित्तीय वर्षों में यानी 2008 से अब तक 2 लाख करोड़ का फ्राड हो चुका है. बैंक फ्राड के 53,334 मामले दर्ज हो चुके हैं. 75 से 80 प्रतिशत फ्राड के मामले सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में हुए हैं.

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2015 से भारत सरकार बैंकों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए ढाई लाख करोड़ दे चुकी है. 23 मई 2014 को मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में सरकारी बैंकों का शेयर 42.9 प्रतिशत था जो घट कर 26.04 प्रतिशत हो गया है. यानी आधा रह गया है. अगर उनकी हिस्सेदारी 2014 के स्तर की रहती तो उसका मोल चार लाख करोड़ का होता. यानी सरकारी बैंकों ने पांच साल में 4 लाख करोड़ गंवा दिए हैं. यह जानकारी फाइनेंशियल एक्सप्रेस से ली गई है. कई लोगों की राय है कि सरकार को सरकारी बैंकों को बचाने का मोह छोड़ देना चाहिए और इनका निजीकरण कर देना चाहिए.

बाम्बे स्टाक एक्सचेंज का सेंसेक्स 40,000 पार कर चुका. यह पहली बार हुआ है. जी डी पी के कमज़ोर आंकड़ों, चीन-अमरीका व्यापार तनाव के कारणों के बाद भी सेंसेक्स का यह उछाल उल्लेखनीय है. टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि अगले सौ दिनों में 5 जी ट्रायल शुरू हो जाएगा.

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अमरीकी थिंक टैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटिग्रिटी ने दावा किया है कि 2016 के साल में फर्ज़ी बिल बनाने के कारण भारत को 13 अरब डॉलर राजस्व का नुकसान हुआ है. भारत को जितना राजस्व मिलता है उसका साढ़े पांच प्रतिशत फर्ज़ी बिल के कारण है. बिलों में हेराफेरी के कई मॉडल हैं. ये ख़बर बिजनेस स्टैंडर्ड की है.

मनीकंट्रोल नाम की एक वेबसाइट है. इसने एक हिसाब लगाया है कि मुंबई में हर साल टैकर माफिया 8000 से 10,000 करोड़ रुपया पानी बेच कर कमा लेते हैं. टैंकर माफिया पानी कहां से लाते हैं, ज़ाहिर है ज़मीन से. अगर पूरे महाराष्ट्र का हिसाब लगाएं तो यह राशि कुछ भी हो सकती है.

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