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This Article is From Jun 01, 2020

कोरोनावायरस से अपनी रक्षा खुद करें, देह से दूरी बनाए रखें

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    जून 01, 2020 12:09 pm IST
    • Published On जून 01, 2020 12:08 pm IST
    • Last Updated On जून 01, 2020 12:09 pm IST

भारत दुनिया के उन सात देशों में आ गया है जहां कोरोना के सबसे अधिक मामले हैं. फ्रांस से भी आगे निकल गया है. भारत में संक्रमित मरीज़ों की संख्या 1,88,883 हो गई है. फ्रांस में 1,88,752 मरीज़ हैं. भारत से आगे यानि छठे पायदान पर इटली है. इटली में 2,33,019 केस हैं. अमरीका पहले नंबर पर है जहां 18 लाख से अधिक केस हैं.

रविवार सुबह जो आंकड़े आए हैं उसके अनुसार विगत 24 घंटे में 8,380 नए मामले आए हैं. यह अब तक का रिकार्ड है. इसके पहले एक दिन में 8000 केस कभी नहीं आए. लगातार तीन दिनों से संख्या में तेज़ी से उछाल आई है. यही नहीं मरने वालों की संख्या भी 5000 पार कर चुकी है.

हिन्दू अखबार के ट्रैकर के अनुसार भारत में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है. यहां 65,168 मामले सामने आ चुके हैं. तमिलनाडु 21,184, दिल्ली 18549 और गुजरात में 16,536 मामले सामने आ चुके हैं. राजस्थान 8693, मध्य प्रदेश 7891 और उत्तर प्रदेश में 7701 मामले हैं. बिहार में कोविड-19 के मामलों की संख्या 3,676 हो गई है. केरल में 1208 हो गई है.

इस महामारी को शुरू में ही टेस्ट और कांटेक्ट ट्रेसिंग के ज़रिए रोका जा सकता था. ताईवान, न्यूज़ीलैंड ने इसे बेहतर तरीके से निपटा है. दुनिया के कई और देश हैं जहां पर काबू पाया गया है. तब ऐसा करने के बजाए भारत सीधे तालाबंदी की ओर चला गया. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ऐसा कोई सुझाव भी नहीं दिया था. तालाबंदी के दो मकसद थे. महामारी के प्रसार को रोकना और मेडिकल सुरक्षा का बंदोबस्त करना. दोनों ही मोर्चों पर हम फेल रहे हैं. बिस्तर बनाने की संख्या बताई जाती है लेकिन हम जानते हैं कि लोगों की क्या हालत हो रही है.

अब सरकार अपने ही उठाए फैसलों के असर से चरमरा चुकी है. इसलिए तालाबंदी में ढील दी जाने लगी. जब केस कम थे तब तालाबदी हो गई. जब भारत दुनिया के 7 देशों में आ गया तो तालाबदी के कई नियमों में छूट दी जा रही है. सफलता मिलने से पहले ही सफल बताकर वाहवाही लूटने में लग गए. आज अगर हमारी व्यवस्था बेहतर होती तो 564 पर तालाबंदी लगाई थी, इसे ठीक ठाक रोक कर रखते. लेकिन भारत अभी तक एक भी दिन ऐसा हासिल नहीं कर सका है जब संक्रमित मरीज़ों की संख्या में कमी आई हो और कमी आने का सिलसिला कुछ दिनों तक जारी रहा हो. यात्री अपने सामान की रक्षा ख़ुद करें.

मास्क ज़रूर लगाएं. हाथ को जहां तहां न रखें. साबुन से धोएं. हाथ से चेहरे को स्पर्श न करें. ध्यान रहे, अधिकारी भी काम करते करते अब थक चुके हैं. वे भी इंसान हैं. इसलिए अपनी रक्षा ख़ुद करें. देह से दूरी बनाए रखें.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) :इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।

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