'फेयर एंड लवली' स्कीम से चोर काले धन को सफेद कर सकते हैं। संसद में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का ये वार मोदी सरकार को काफी समय तक खटकता रहेगा। सूट बूट की सरकार के तमगे की तरह मोदी सरकार की ये पहचान न बन जाये जिससे पीछा छुड़ाने के लिए सरकार को बजट में धोती कुर्ते वाले किसान याद आते रहे।
फेयर एंड लवली की मार उस योजना पर है जिसके बूते नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद तक पंहुचे थे। उन्होंने विदेशों में छिपे काले धन को लाने का वादा किया था। हर एक के बैंक खाते में 15 लाख की लालसा बहुतों को खलती होगी और अब उसी काले धन पर छूट से विपक्ष को मौका मिल गया।
राहुल गांधी के जोशीले भाषण से कांग्रेस में भी जान सी आ गई। स्मृती ईरानी के धुआंधार भाषण के बाद कांग्रेस बैकफुट पर होने का आरोप झेल रही थी। राहुल के अंदाज से सत्ता पक्ष में बैठे कुछ नेता मुस्कुरा रहे थे तो उनके सांसद लगातार तस्दीक कर रहे थे। राहुल के बोल में कांग्रेस के वो सभी मूल मुद्दे थे जो उसका राजनीतिक सहारा रहे हैं। गरीबों, पिछड़ों की आवाज बन अन्याय के खिलाफ आरोप लगाते नज़र आए।
राहुल के निशाने पर सीधे प्रधानमंत्री थे। प्रधानमंत्री की चाहे अचानक पाकिस्तान यात्रा हो या फिर नगा समझौता, राहुल ने उन पर अपने कैबिनेट सहयोगियों, अफसरों की अनदेखी और अनसुनी का वार किया। कहा कि नगा समझौते के बारे में तो गृहमंत्री तक को नहीं पता था और वो समझौता अब कहां खो गया है। आतंकवाद से लड़ने के लिए भारत की पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कई बरसों की यूपीए की कोशिशों पर उन्होंने पानी फेर दिया। कहा कि यूपीए सरकार ने पाकिस्तान को कूटनीतिक पिंजरे में बंद कर दिया था। लेकिन नवाज शरीफ के साथ अचानक हुई चाय पर चर्चा बिना सोच और दूरदर्शिता के हुई जिसके कारण उसे भारत के बराबरी पर ला खड़ा किया। पठानकोट हुआ और देश के झंडे का अपमान भी।
संसद में रोहित वेमुला के मामले को उठाते हुए कहा कि उसे आत्महत्या के लिए धकेला गया। न उसके बारे में कुछ कहा न उसकी मां से बात की। जेएनयू के छात्र कन्हैया कुमार पर कहा कि उसने एक भी शब्द देश के खिलाफ नहीं कहा। जेएनयू के खिलाफ सरकार इसलिए है क्योंकि वहा गरीब पड़ते हैं।
राहुल गांधी के आज के भाषण में वजन तो था ही, साथ ही वो भाव भी था जो स्मृती ईरानी ने सदन में दर्शाया था। इस राजनीतिक भाषण में वो असहज सवालों के जवाब नहीं थे जो कांग्रेस के सामने खड़े किये जा रहे हैं। लेकिन राहुल ने अपने साथियों को डटे रहने का प्रोत्साहन ज़रूर दिया। अब गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बोलेंगे, इंतजार रहेगा उनके जवाब का।
(निधि कुलपति एनडीटीवी इंडिया में सीनियर एडिटर हैं)
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This Article is From Mar 02, 2016
मोदी सरकार पर राहुल गांधी का 'फेयर एंड लवली' का वार
Nidhi Kulpati
- ब्लॉग,
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Updated:मार्च 02, 2016 23:25 pm IST
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Published On मार्च 02, 2016 21:43 pm IST
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Last Updated On मार्च 02, 2016 23:25 pm IST
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