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This Article is From Feb 15, 2019

दौरा, दौरा, दौरा, दौड़ते ही रह गए प्रधानमंत्री, कार्यकाल का एक तिहाई इसी में कटा

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मार्च 11, 2019 13:46 pm IST
    • Published On फ़रवरी 15, 2019 00:19 am IST
    • Last Updated On मार्च 11, 2019 13:46 pm IST

प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल का कितना हिस्सा यात्राओं में बिताया इसे लेकर स्क्रोल और दि प्रिंट ने दो रिपोर्ट की है. स्क्रोल की रिपोर्ट आप ज़रूर देखें. इसलिए भी कि किस तरह डेटा जर्नलिज़्म किया जा सकता है. 21 जनवरी को द प्रिंट की मौसमी दासगुप्ता की रिपोर्ट है और 12 फरवरी 2019 को विजयता ललवानी और नित्या सुब्रमण्यन की है. इन दोनों रिपोर्ट को पढ़ कर आप प्रधानमंत्री मोदी की यात्राओं के बारे में काफी कुछ समझ सकते हैं.

स्क्रोल की नित्या ने लिखा है कि प्रधानमंत्री जब भी दिल्ली से बाहर जाते हैं, प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर एक ट्रिप यानी एक यात्रा के रूप में दर्ज करता है. सरकारी यात्रा है या ग़ैर सरकारी, इसे भी दर्ज करता है. लेकिन स्क्रोल इन यात्रों को अलग तरीके से गिनता है. 9 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री असम और अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर गए. सरकारी वेबसाइट पर एक ट्रिप ही लिखा गया है मगर स्क्रोल ने इसे दो ट्रिप गिना है.

इस लिहाज़ से प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यकाल में 565 दिनों की यात्राएं कीं. कार्यकाल का एक तिहाई हिस्सा सरकारी और ग़ैर सरकारी कार्यक्रमों के लिए उड़ान भरने में बीता. पीएमओ की वेबसाइट के अनुसार इस जनवरी से प्रधानमंत्री की 12 ट्रिप यानी यात्राएं दर्ज हैं. लेकिन 4 जनवरी को असम-मणिपुर और 22 जनवरी की वाराणसी की यात्रा दर्ज नहीं हैं. 12 फरवरी की रिपोर्ट छपने तक प्रधानमंत्री मोदी 27 यात्राएं कर चुके हैं. इनमें से 13 यात्राओं के बारे में नहीं बताया गया है कि सरकारी हैं या ग़ैर सरकारी. जबकि बताया जाता है और बताया जाना चाहिए.

स्क्रोल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को ईमेल भेज कर सवाल पूछा है कि इन य़ात्राओं का ख़र्च कौन उठा रहा है. इतने साधारण से सवाल का जवाब नहीं मिलता मगर प्रधानमंत्री पारदर्शिता पर घंटा-घंटा लेक्चर दे जाते हैं. यही नहीं नित्या और विजयता की रिपोर्ट में बताया गया है कि वे इन दिनों सरकारी यात्रा के साथ बीजेपी के कार्यक्रम को भी शामिल कर लेते हैं. सरकारी कार्यक्रम में राजनीतिक भाषण देते हैं. उदाहरण सहित बताया है. इसलिए रिपोर्टर ने जानना चाहा है कि जब प्रधानमंत्री 3 जनवरी को पंजाब में इंडियन साइंस कांग्रेस उद्घाटन के बाद गुरुदासपुर रैली के लिए जाते हैं तो उसका ख़र्चा कौन उठाता है. जवाब ही नहीं मिलता है.

इस तरह स्क्रोल की रिपोर्ट से आप जानते हैं कि 1 जनवरी 2019 के बाद 42 दिनों में प्रधानमंत्री 27 दिनों की यात्रा करते हैं. आपको याद होगा कि मैंने एक लेख लिखा था. मीडिया में रिपोर्ट आई थी कि नए साल में प्रधानमंत्री 100 सभाएं करेंगे. गोदाम तक का उद्घाटन किया गया मगर भाषण राजनीतिक भी दिया गया. अगर आचार संहिता लागू होने तक प्रधानमंत्री सौ सभाएं करेंगे तो हर सभा के आस पास के पांच घंटे ले लें तो प्रधानमंत्री अभी ही 20 दिन के बराबर रैलियां ही करते गुज़ार देंगे. काम कब करते हैं?

अब आते हैं दि प्रिंट की पत्रकार मौसमी दासगुप्ता की रिपोर्ट पर जो 21 जनवरी 2019 की है. इसके अनुसार प्रधानमंत्री हर चौथे दिन दिल्ली से बाहर गए. करीब करीब एक साल से ज़्यादा का समय सरकारी और ग़ैर सरकारी यात्राओं के कारण दिल्ली से बाहर रहे. क्या उन्होंने एक साल के समय के बराबर रैलियां और सभाएं करने में ही निकाल दिए?

मौसमी ने लिखा है कि 1700 दिनों के कार्यकाल में उन्होंने 370 दिनों में 322 घरेलू दौरे किए. दौरे को अंग्रेज़ी में ट्रिप्स लिखा है. 184 दिनों की विदेश यात्राएं कीं. 61 बार यूपी गए, 36 बार गुजरात और 22 बार बिहार. इनमें से 131 दिन बीजेपी की सभाओं और चुनाव प्रचार जैसे कार्यक्रमों में बाहर रहे. चुनाव आते ही उनके दौरे बढ़ जाते हैं. यूपी में ही 61 बार गए. मगर 27 बार नवंबर 2016 से मार्च 2017 के बीच गए. मार्च 2017 में यूपी में विधानसभा चुनाव हुए थे. उसी तरह 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान 17 बार गए. कुल मिलाकर बिहार 22 बार गए.

मौसमी ने लिखा है कि मोदी से पहले के प्रधानमंत्रियों के दौरे के बारे में इस तरह के आंकड़े सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं. मगर स्क्रोल वेबसाइट के लिए रिपोर्ट करते हुए विजयता और नित्या ने लिखा है कि आर्काइव के आंकड़ों से पता चलता है कि मनमोहन सिंह ने कभी ऐसा नहीं किया कि सरकारी कार्यक्रम के साथ ग़ैर सरकारी कार्यक्रम को मिला दिया. दोनों को अलग-अलग रखा.

जुलाई 2018 की स्क्रोल की रिपोर्ट में बताया गया है कि मनमोहन सिंह ने अपने पहले कार्यकाल में 368 दिनों की यात्राएं कीं. यानी इतने दिन वे दिल्ली से बाहर रहे होंगे. वे तो स्टार कैंपेनेर नहीं थे. न ही वक्ता थे. द प्रिंट के अनुसार मोदी ने 370 दिनों की यात्राएं की हैं. चूंकि स्क्रोल ने एक दौरे में दो जगह गए तो दो गिना है इस लिहाज़ से 565 दिनों की यात्राएं हो जाती हैं.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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