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This Article is From Apr 16, 2020

कोरोना जांच और जागरूकता टीम पर बिहार और यूपी में लोगों का हमला

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अप्रैल 16, 2020 00:33 am IST
    • Published On अप्रैल 16, 2020 00:27 am IST
    • Last Updated On अप्रैल 16, 2020 00:33 am IST

बिहार के औरंगाबाद के गोह में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया था. वहां सूचना थी कि दूसरे राज्य से लोग आए हैं तो स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने गई. 50-60 की संख्या में ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला कर दिया. गाड़ियां तोड़ दीं. जब पुलिस की टीम मामले की जांच के लिए गई तो लोगों ने पुलिस पर भी हमला कर दिया. जिसमें एसडीपीओ और उनका अंगरक्षक घायल हो गया. उधर स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला हुआ तो विरोध में डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्यकर्मी धरने पर बैठ गए. 

पूर्वी चंपारण के हरसिद्धि में एक गांव है जागापाकड़. यहां अधिकारियों का दल जागरूकता फैलाने गया था. इस टीम पर भी गांव वालों ने हमला कर दिया. प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित तीन पुलिस वाले घायल हो गए. एक पुलिसकर्मी की स्थिति गंभीर है. सभी जख्मी लोगों का इलाज अरेराज रेफरल अस्पताल में चल रहा है. बताया जाता है कि हरसिद्धि बीडीओ सुनील कुमार पूरी टीम के साथ जागापाकड़ गांव के महादलित टोला में चौपाल लगाकर लोगों को एईएस जेई और कोरोना संक्रमण के रोकथाम व उससे बचाव को लेकर जागरुक करने के लिए चौपाल लगाए हुए थे. उसी दौरान गांव के हीं कुछ लोग आए और बीडीओ से राशन नहीं मिलने की शिकायत करने लगे. पिछले तीन महीने से राशन नहीं मिलने के कारण गांव के लोग बीडीओ से उलझ गए.  पथराव शुरू हो गया. अरेराज एसडीओ धीरेंद्र मिश्रा गांव में पहुंचे और सभी को वहां से सुरक्षित निकालकर अरेराज रेफरल अस्पताल लाए.

बिहार के नालंदा में गेस्ट हाउस में क्वारिंटीन सेंटर बनाया गया है. गांव के लोग पहुंच गए कि उनके इलाके से इसे हटाया जाए. रोड़ेबाज़ी शुरू हो गई. पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. स्थानीय महिलाओ का कहना है कि वे लोग यहां से क्वारिंटीन सेंटर को हटाने की मांग कर रहे थे तो पुलिस ने भगा दिया. थोड़ी देर बाद पुलिस ज़्यादा संख्या में आई और पिटाई शुरू कर दी. पुलिस घर में घुस कर मारने लगी. 

यूपी के मुरादाबाद में कोविड-19 से एक व्यक्ति की मौत हो गई. मौत के दो दिन बाद जब पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम नवाबपुरा पहुंची तो मोहल्ले के लोगों ने भारी पथराव शुरू कर दिया. पुलिस की गाड़ियां टूट गईं. दो स्वास्थ्यकर्मी बुरी तरह चोटग्रस्त हुए हैं. 

मुझे मैसेज सिर्फ इस बात को लेकर आए कि आप मुरादाबाद में क्यों चुप हैं? मेरी हर ऐसे मामले में एक ही राय है. जहां भी स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले हों पुलिस सख्त कार्रवाई करे. हर जाति, हर धर्म के लोग हिंसा में शामिल हैं. इसका मतलब है कि बड़े पैमाने पर भ्रांतियों को दूर करने की ज़रूरत है. यह काम भी पुलिस को करने की ज़रूरत है.

यूपी के थाना जारचा के दयानगर गांव में चार लोग मंदिर पर लूडो खेल रहे थे. तभी गुल्लू उर्फ़ हनसा सिंह का प्रशांत से खांसने को लेकर कथित रूप से विवाद हो गया. गुल्लू ने कहा कि कोरोना देगा क्या और तमंचा निकाल कर प्रशांत की जांघ में गोली मार दी. प्रशांत घायल है. इसलिए भ्रांतियों और अफवाहों के जाल में न फंसे.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति NDTV उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार NDTV के नहीं हैं, तथा NDTV उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.

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