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This Article is From May 10, 2017

पिछले तीन दिन से पानी के लिए तरस रहा है दिल्ली विधानसभा कैंपस

M Athar Uddin Munne Bharti
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    मई 10, 2017 01:15 am IST
    • Published On मई 10, 2017 01:07 am IST
    • Last Updated On मई 10, 2017 01:15 am IST
आज रात 9 बजे प्राइम टाइम के लिए मुझे दिल्ली विधानसभा जाना पड़ा. हमारे मेहमान थे पूर्व परिवहन मंत्री और विधायक सौरभ भारद्वाज.  आज विधानसभा का विशेष सत्र था. चूंकि पूरा मामला नक़ली ईवीएम से असली ईवीएम पर सवाल उठाने का था सो सुबह से शाम तक विधानसभा कैंपस में सियासी गरमी की तपिश महसूस की जा रही थी. विधानसभा के सभी कमरे गुलज़ार थे. मेहमानों के लिए चाय, पानी का भी इंतजाम था और जिन मेहमानों को पानी पीने की ख़्वाहिश जागी वह पानी की बोतल का सहारा ले रहे थे.

वैसे तो दिल्ली की सियासत को बर्खास्त पूर्व जलमंत्री कपिल मिश्रा ने गरम कर रखा है. इन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं पर रिश्वतख़ोरी का आरोप लगाकर कठघरे मे खड़ा कर रखा है. उधर पार्टी के नेताओं ने कपिल मिश्रा पर आरोप लगाया था कि जलमंत्री रहते हुए जल प्रबंधन को सही रूप से अंजाम नही दे पाने के वजह से उन्हें मंत्री पद से हटाया गया है.

आपको याद होगा कि जब कपिल मिश्रा को मंत्री पद से हटाया गया था तो उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि एमसीडी मे हार की एक वजह पानी भी था. यानी कपिल मिश्रा भले ही जलमंत्री रहते हुए टैंकर घोटाले  की फ़ाल जमा कर रहे हों पर उनकी जो मूलभूत ज़िम्मेदारी पानी की समस्या को दूर करने की वह नहीं कर पाए. वह भी किसी दिल्ली की स्लम इलाके की बात नहीं है जहां आमतौर पर सरकारों की नज़र चुनाव से पहले नहीं जाती. 

शायद किसी को नहीं मालूम कि पिछले तीन दिनों से विधानसभा कैंपस पानी से महरूम है. पूरे कैंपस मे पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. इसका अंदाज़ा विधानसभा में एसी कमरों मे बैठने वालों को सियासतदानों को अब तक नहीं है. जब मैं विधानसभा गेट से अंदर दाख़िल होने की परमिशन मे हो रही देरी के वजह से गेट पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों की परेशानी से रूबरू हुआ, तो यहां सुरक्षा अधिकारी आपस में पिछले तीन दिन से पानी न आने का रोना रो रहे थे.

सुरक्षा मे कोताही न हो इसलिए अपनी ड्यूटी पर प्यासे ही जमे रहना पड़ता है. बहरहाल विधानसभा कैंपस में रात सियासी तपिश तो नहीं मिली लेकिन सारे ज़माने का दर्द झेलकर समाधान करने का दावा करने वाली सरकार की नाक के नीचे पिछले तीन से पानी नहीं है जो बड़ा सवाल खड़ा करती है कि आखिर अब तक इस ओर सरकार का ध्यान क्यों नहीं गया. ये सवाल मैंने अपने प्रोग्राम के मेहमान व पूर्व परिवहन मंत्री सौरभ भारद्वाज से किया तो वह ख़ुद हैरान थे कि एैसा हुआ कैसे? लेकिन कल तक सुविधा बहाल करने का वादा ज़रूर कर दिया.

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