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This Article is From Aug 07, 2018

खबर का असर: NDTV के स्टिंग को सबूत की तरह पेश करेगी पुलिस

Ravish Kumar
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अगस्त 07, 2018 23:42 pm IST
    • Published On अगस्त 07, 2018 23:42 pm IST
    • Last Updated On अगस्त 07, 2018 23:42 pm IST
NDTV 24x7, NDTV India पर हापुड़ के क़ासिम और अलवर के पहलू ख़ान की हत्या के मुख्य आरोपियों को अगर सौरव शुक्ला और अश्विनी मेहरा अपने कैमरे पर न पकड़ते तो इंसाफ मुमकिन नहीं था. अब भी पता नहीं कि इन आरोपियों पर दोष साबित करने के लिए पुलिस किस तरह से तथ्य जुटाएगी, कैसे चीज़ों को अदालत के सामने रखेगी, मगर इतनी बड़ी घटना जिस पर सबकी नज़र हो, उसमें भी आरोपी इतने आराम से पुलिस और समाज के सामने बेफिक्र हैं, इससे चिन्ता होनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान ले लिया है. सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा इस पर सुनवाई करेंगे. हापुड़ मामले में कासिम और समयुद्दीन की वकील वृंदा ग्रोवर ने अदालत के सामने सौरव शुक्ला और अश्विनी मेहरा की रिपोर्ट का ज़िक्र किया और अतिआवश्यक सुनवाई की अपील की. चीफ जस्टिस ने अपील स्वीकार कर ली. पीड़ित परिवार की तरफ से वृंगा ग्रोवर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम जांच करे. उन्होंने यह भी अपील की कि इस केस की सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर हो ताकि निष्पक्ष सुनवाई हो सके. साथ ही जो आरोपी इस मामले में ज़मानत पर बाहर हैं, उनकी ज़मानत रद्द कर दी जाए. 

18 जून को क़ासिम कुरैशी और समीयुद्दीन को भीड़ घेर कर मारने लगी. 45 साल के क़ासिम की मौत हो गई. भीड़ ने समीयुद्दीन की दाढ़ी पकड़ कर खींचना शुरू कर दिया. इस भीड़ में 65 साल के समीयुद्दीन से आधी उम्र के नौजवान और बच्चे की उम्र के लड़के शामिल थे. इन्हें ज़मानत देते वक्त अदालत ने भी केस डायरी और पुलिस की तफ्तीश में अंतर्रिवोध को रेखांकित किया है. पुलिस इसे मोटरसाइकिल टकराने को लेकर झगड़ा बताती है, जबकि कासिम के परिवार का कहना है कि कथित रूप से गौमांस का आरोप लगाकर मार दिया गया. परिवारवाले कहते हैं कि क़ासिम मीट का व्यापार तो करता था मगर गौमांस का नहीं. इस मामले में युधिष्ठिर सिसोदिया और राकेश सिसोदिया सहित चार लोगों को आरोपी बनाया गया है.

युधिष्ठिर सिसोदिया ने हमारी सहयोगी मरियम से कैमरे पर कहा है कि झगड़ा गौमांस को लेकर ही हुआ था क्योंकि उस वक्त गांव में लाउडस्पीकर से अनाउंस हुआ था. पुलिस को इस पहलू की भी जांच करनी चाहिए कि लाउडस्पीकर पर किसने क्या कहा था. उसे अनाउंस करने की सूचना या निर्देश किसने दिए थे. सौरभ शुक्ला और अश्विनी मेहरा की रिपोर्ट सामने आने के बाद आज कई राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आईं हैं. कासिम और पहलू ख़ान के परिवार वालों की भी प्रतिक्रिया आई है. आप फिर से सौरभ शुक्ला और अश्विनी मेहरा की रिपोर्ट का कुछ अंश देखिए. देखिए किस तरह से कोई किसी को माकर गर्व महसूस कर रहा है. किसी की हत्या सुनकर ही लोग अफसोस और दुख से भर उठते हैं मगर ये आरोपी खुल कर बता भी रहे हैं कि कैसे मारा. बताते हुए हंस भी रहे हैं.

तो इस मामले में यूपी पुलिस राकेश सिसोदिया के एनडीटीवी के कैमरे पर दिए बयान को Extra judicial confession के तौर पर इस्तेमाल कर आगे की कार्रवाई करेगी. यही बात अलवर में पहलू ख़ान की हत्या के मामले में जयपुर रेंज के आईजी ने भी कही है. अब देखिए पहलू ख़ान की हत्या के मामले में अभियुक्त कैसे अपना गुनाह मान रहा है, जबकि पहलू का परिवार इंसाफ़ की आस में बैठा है..

सौरभ और अश्विनी की रिपोर्ट से किसी भी सभ्य समाज को हिल जाना चाहिए. उसे एक बार ठहर कर सोचना चाहिए कि हम कहां जा रहे हैं. इस रास्ते से लौट आने में क्या कोई बहुत बड़ा नुकसान है. इस तरह की घटना किसी भी विचारधारा या राजनीति की सहयात्री बन जाए, उसे अपने लिए सोचना चाहिए कि उसमें क्या कोई कमी है जिसके कारण हत्या को अंजाम देने वाले लोगों के लिए या तो चुप रहना पड़ता है या फिर उन्हें जेल से निकाल कर ज़िंदाबाद करते हुए गांव गांव घुमाना पड़ता है.

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