एक जुमला, एक चुनाव

बिहार चुनाव में बीजेपी चौतरफा परेशानियों से घिरी हुई है. नीतीश कुमार के 15 साल का गुस्सा लोगों में देखा जा सकता है..लॉकडाउन और प्रवासियों के लौटने के बाद रोजगार न होने से लोगों में जो गुस्सा उभरा है वह साफ दिख रहा है.

एक जुमला, एक चुनाव

बीजेपी ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया

Bihar Assembly Election 2020: बिहार चुनाव में राजनैतिक दलों ने मुफ्त का पिटारा खोल दिया है. बीजेपी ने घोषणा की है कि बिहार में सभी लोगों को मुफ्त में कोरोना की वैक्‍सीन (Corona vaccine)दी जाएगी. साथ ही बीजेपी ने एक और जुमला फेंका है कि 19 लाख लोगों को रोजगार देगी..हालांकि इसी बीजेपी ने तेजस्वी यादव के दस लाख रोजगार देने की घोषणा पर काफी तीखी प्रतिक्रिया दी थी कि यह संभव नहीं है और इतना पैसा आएगा कहां से? सीएम नीतीश कुमार तो अपने रैलियों में कहने लगे थे कि क्या तेजस्वी नोट छापेगें या फिर जेल से पैसा आएगा. उनका इशारा लालू यादव की तरफ है जो रांची जेल में बंद हैं. अब बीजेपी से भी यही सवाल पूछा जा रहा है कि 19 लाख रोजगार के लिए कहां से पैसा आएगा. क्या बीजेपी बिहार में शराबबंदी को खत्म करेगा क्योंकि उससे 17-18 हजार करोड़ का राजस्व मिलेगा.बीजेपी की दूसरी घोषणा कोरोना वैक्‍सीन को फ्री में बांटने की है.

सबसे बडा सवाल है कि बीजेपी बिहार चुनाव के दौरान ये घोषणा कर रही है फिर थोड़े दिनों बाद बंगाल चुनाव को देखते हुए बंगाल में भी यही घोषणा करेगी. जो काम किसी भी सरकार का कर्तव्‍य होना चाहिए उसे बीजेपी अपने घोषणा पत्र में शामिल कर रही है. बीजेपी को पता है नीतीश के साथ वो इस चुनाव को नहीं जीत पाएंगे इसलिए अब जुमलेबाजी पर उतर आए हैं. दरअसल बीजेपी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के सभाओं में जुटती भीड से घबरा गई है और अब जुमलों पर उतर आई है. बीजेपी को मालूम है कि चुनाव में जुमलों पर वोट मिलते हैं जैसे बीजेपी का लोकसभा चुनाव में 15 लाख रुपये हरेक के खाते में देने का जुमला हो या फिर हर साल दो करोड़ नौकरियां देने का..आज कोई नरेन्‍द्र मोदी से यह नहीं पूछता कि कितनों को नौकरियां मिली हैं जबकि हकीकत है कि करोड़ों लोगों की नौकरियां गई हैं.

बिहार चुनाव में बीजेपी चौतरफा परेशानियों से घिरी हुई है. नीतीश कुमार के 15 साल का गुस्सा लोगों में देखा जा सकता है..लॉकडाउन और प्रवासियों के लौटने के बाद रोजगार न होने से लोगों में जो गुस्सा उभरा है वह साफ दिख रहा है..और इस सब को बखूबी भांपकर तेजस्वी अपने पक्ष में जनता को जुटाने में लग गए जिसका परिणाम उनकी रैलियों में दिखता है.रोजगार बिहार में एक बडा मुद्दा है.वहां रोजगार का कोई साधन तो है नहीं इसलिए बडी संख्या में पलायन होता है. मगर बीजेपी को पता है कि चुनाव में नारों और जुमले हमेशा से रहे हैं और रहेगें. इतिहास गवाह है सबसे पहले इंदिरा गांधी ने 'गरीबी हटाओ' का नारा दिया था और शानदार बहुमत से सत्ता में आई थी.देश से गरीबी हट गई क्या.. नहीं ना..वीपी सिंह सत्ता में बोफोर्स का मुद्दा लेकर और राजीव गांधी को भ्रष्‍टाचारी साबित करके मगर अदालत ने राजीव गांधी को बरी कर दिया. उसी तरह मोदी जी सभी के बैंक खाते में 15 लाख देने और 2 करोड रोजगार जैसे तमाम जुमलों के बल पर सत्ता में आए मगर सच्चाई अब सबके सामने है..और इस चुनाव में एक बार फिर बीजेपी ने जुमलों का सहारा लेना शुरू कर दिया है.

(मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर-पॉलिटिकल न्यूज़' हैं.)

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