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This Article is From Oct 14, 2020

बीजेपी उतर आई है अपने एजेंडे पर

Manoranjan Bharati
  • ब्लॉग,
  • Updated:
    अक्टूबर 14, 2020 20:21 pm IST
    • Published On अक्टूबर 14, 2020 20:21 pm IST
    • Last Updated On अक्टूबर 14, 2020 20:21 pm IST

बिहार चुनाव में आखिरकार बीजेपी अपने ऐजेंडे पर आती दिख रही है. हालांकि कई लोगों का यह मानना है कि जेडीयू और बीजेपी गठबंधन को कोई खतरा नहीं है मगर बीजेपी हर चुनाव में हिंदु ध्रुवीकरण की कोशिशों से बाज नहीं आती है. पिछले विधानसभा चुनाव में आपको याद होगा कि तब के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि यदि गलती से भी बीजेपी हार गई तो पाकिस्तान में पटाखे फोडे जाएंगे. लोगों ने लालू-नीतीश को जितवा दिया था. वो बात अलग है कि नीतीश कुमार बाद में बीजेपी की गोद जा कर बैठ गए थे.

इस बार बिहार बीजेपी के अध्यक्ष और केंद्र में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोगों से कहा कि यदि आरजेडी को जितवाओगे तो कश्मीर के आतंकवादी बिहार में पनाह लेने आ जाऐंगे. अब सवाल यह उठता है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री होने के नाते क्या नित्यानंद राय को इस बारे में खुफिया जानकारी है. यदि ऐसी जानकारी है तो गृह मंत्रालय को स्थिति साफ करनी चाहिए. बिहार के नेताओं में ऐसे बयान देने के लिए गिरिराज सिंह भी काफी सुर्खियां बटोर चुके हैं, जब उन्होंने कहा था कि मोदी विरोधी पाकिस्तान चले जाएं. 

इस बार इस तरह की बयानबाजी का जिम्मा नित्यानंद राय ने ले ली है. हालांकि कई राजनीति के जानकार का मान रहे हैं कि नित्यानंद बिहार में बीजेपी के भविष्य हैं और कई लोग तो उन पर अगले मुख्यमंत्री के तौर पर दांव भी लगाने को तैयार हैं. मगर सबसे बड़ा सवाल है कि बीजेपी को नेता चुनाव के समय इस तरह का बयान क्यों देते हैं, जिससे वोटों का ध्रुवीकरण हो. दूसरी ओर नीतीश कुमार हर चुनावी सभा में मुसलमानों के लिए उनकी सरकार के कामों को गिनाने से नहीं थकते क्योंकि उनको बिहार के मुस्लिमों के 17 फीसदी वोटों की जरूरत है बीजेपी से अच्छा प्रदर्शन करने के लिए.

यही वजह है नीतीश कुमार का प्रचार कुछ और होता वो बीजेपी की भाषा बोलने से बचते हैं. लेकिन कई जानकार यह भी मान रहे हैं कि बीजेपी हिंदुत्व के अपने ऐजेंडे पर चलते हुए नीतीश कुमार के लिए ऐसे हालात पैदा कर देना चाहती है जहां वो भले ही मुख्यमंत्री रहें मगर उतने प्रभावी नहीं, और बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत करती रहे. वैसे भी चिराग पासवान ने जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार कर नीतीश कुमार का गणित बिगाड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ा है. कुछ लोग इसके पीछे भी बीजेपी का ही हाथ देख रहे हैं. कुछ ऐसी ही घबराहट में नीतीश कुमार अपने 15 साल के उपलब्धियों की बात नहीं करके लालू-राबड़ी के 15 साल के शासन की बात कर रहे हैं. ऐसा केवल बिहार में ही हो सकता है.

यहां तक कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि यदि मौका मिला तो बिहार में बेरोजगारी दूर करेगें. शायद उनको भी मालूम है कि बहुत मेहनत करने की जरूरत है. क्योंकि बिहार में इस बार कई कोणिय मुकाबला है और विधानसभा चुनाव में जहां जीत का अंतर कम होता है कोई भी जीत का दावा नहीं कर सकता. भले ही जदयू-बीजेपी दौड़ में आगे दिख रही है, मगर यह बिहार चुनाव है यानी पिक्चर अभी बाकी है.

(मनोरंजन भारती NDTV इंडिया में 'सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव एडिटर - पॉलिटिकल न्यूज़' हैं.)

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