उन्मुक्त होना और जीवन की रंगतों को कशिश के साथ हमसाया बनाते हुए, एक नई ही जमीन पर उतनी ही उन्मुक्तता से साथ निभाने का नाम आशा भोंसले है. दरअसल, मंगेशकर घराने में रहकर, अपनी आवाज को उस परंपरा की बेहद कामयाब और पवित्रता-सी जगाती आवाज से दूर ले जाकर एक स्वच्छंद राह बनाने की डगर इतनी आसान भी नहीं रही है, जिसे आशा जी निभा पाई हैं. संगीत की बारीकियों को उन्होंने पारंपरिक ढंग से बरतने की जगह कुछ नवाचारी तौर पर प्रदर्शित करने के लिहाज से अपनी तरह का बनाया. कुछ-कुछ, पार्श्वगायन की दुनिया में किशोर कुमार की तरह का दुस्साहस भरा काम... गायकी में मींड, गमक, टुकड़ों, पलटों और लयकारी को अपनी सोच से मिलावट करके एक भिन्न धरातल पर विकसित करने का चलन. इस काम में उनका सहयोग ओ. पी. नैयर, आर डी बर्मन और रहमान जैसे दिग्गज संगीतकारों ने किया.
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'ओ मिस्टर बेंजो इशारा तो समझो' , 'मिस्टर जॉन बाबा, रोशनदान', 'दईया ये मैं कहां आ फंसी', 'सी ए टी कैट, कैट माने बिल्ली', 'ईना मीना डीका' जैसे गीतों में इस इशारे की आहट देखी जा सकती है. फिर, शंकर जयकिशन के साथ 'मुड़-मुड़ के ना देख मुड़-मुड़ के', मदन मोहन संग' झुमका गिरा रे बरेली के बाज़ार में' और ए. आर. रहमान के साथ ' हो जा रंगीला रे' में आशा जी की आवाज की उन्मुक्तता को सटीक तौर पर उभरता हुआ देख सकते हैं.
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आशा भोंसले इसी अर्थ में सामयिक और बेहतरीन गायिका के बतर्ज़ सामने आती हैं कि उनके यहां आवाज का फलक इतना विस्तृत है कि उसकी कई परतों वाली महीन बुनावट का काम आपको एकरेखीय नहीं लगता, वरन वो अपने नयेपन में सघन होता जाता है. वो हर समय सम्भव होने की पुकार सरीखी हैं, जिनके यहां प्रार्थना भी स्वछन्द है. प्रणय भी गोपन ना रहकर सबको आमंत्रण देने वाला और सुरीलापन, किसी सुनहरी शाम में ख़ुद को नीम बेहोश बनाता हुआ..'चैन से हमको कभी आपने जीने न दिया' गीत, जैसे आशाजी का सरोकार ही बन गया है, जो उनको एक बार सुन लेने पर आपको सुख से सोने नहीं देता...जन्मदिन मुबारक आशाजी....आशा जी के 10 बेहतरीन फिल्म गीत.
बलमा खुली हवा में
फिल्मः कश्मीर की कली, ओ.पी. नैयर
अब के बरस भेज भैया को बाबुल
फिल्मः बंदिनी, म्यूजिक डायरेक्टरः एस. डी. बर्मन
निगाहें मिलाने को जी चाहता है
फिल्मः दिल ही तो है, म्यूजिक डायरेक्टरः रोशन
जाइये आप कहाँ जायेंगे
फिल्मः मेरे सनम, म्यूजिक डायरेक्टरः ओ. पी. नैयर
रात अकेली है
फिल्मः ज्वेल थीफ़, म्यूजिक डायरेक्टरः एस. डी. बर्मन
तोरा मन दरपन कहलाये
फिल्मः काजल, म्यूजिक डायरेक्टरः रवि
ये साये हैं, ये दुनिया है
फिल्मः सितारा, म्यूजिक डायरेक्टरः आर. डी. बर्मन
चैन से हमको कभी आपने जीने
फिल्मः प्राण जाए पर वचन न जाए, म्यूजिक डायरेक्टरः ओ.पी. नैयर
दिल चीज़ क्या है
फिल्मः उमराव जान, म्यूजिक डायरेक्टरः ख़य्याम
मेरा कुछ सामान
फिल्मः इजाजत, म्यूजिक डायरेक्टरः आर.डी.बर्मन
(यतींद्र मिश्र, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किताब 'लता सुर गाथा' के लेखक हैं)
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This Article is From Sep 08, 2017
एक बार सुन लिए आशा भोंसले के ये गीत तो खो बैठेंगे दिल का चैन
Yatindra Mishra
- ब्लॉग,
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Updated:सितंबर 08, 2017 18:06 pm IST
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Published On सितंबर 08, 2017 16:16 pm IST
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Last Updated On सितंबर 08, 2017 18:06 pm IST
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