मैं फिर स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ या सरकार के किसी कदम के खिलाफ नहीं हैं. हम बस उस युद्ध के विरुद्ध हैं जिसका प्रचंड विरोध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में बेहद ठोस, स्पष्ट तरीके से किया था. चलते-चलते मैं आपको हमारे प्रिय लेखक दुष्यंत कुमार के साथ छोड़े जा रहा हूं, वह जिस खतरे से हमें आगाह करना चाह रहे थे, वही मंजर सामने आने लगे हैं...
दयाशंकर मिश्र Khabar.ndtv.com के संपादक हैं.
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति एनडीटीवी उत्तरदायी नहीं है. इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं. इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार एनडीटीवी के नहीं हैं, तथा एनडीटीवी उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है.
इस लेख से जुड़े सर्वाधिकार NDTV के पास हैं. इस लेख के किसी भी हिस्से को NDTV की लिखित पूर्वानुमति के बिना प्रकाशित नहीं किया जा सकता. इस लेख या उसके किसी हिस्से को अनधिकृत तरीके से उद्धृत किए जाने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.