
बिहार में एक बार फिर से आकाशीय बिजली (Bihar Thunder Lightning Deaths) का कहर देखने को मिला है. पिछले 48 घंटों में पांच जिलों में बिजली की चपेट में आने से 15 लोगों की मौत हो गई है. बेगूसराय में पांच, दरभंगा में चार, मधुबनी में तीन, सहरसा में दो और समस्तीपुर में एक शख्स की जान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से गई है, ये जानकारी बिहार मुख्यमंत्री कार्यालयकी तरफ से दी गई है. सीएम नीतीश कुमार ने इन मौतों पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है.
शहर | आकाशीय बिजली से मौतें |
बेगूसराय | 5 |
दरभंगा | 4 |
मधुबनी | 3 |
सहरसा | 2 |
समस्तीपुर | 1 |
आकाशीय बिजली से 13 मौतें, मुआवजे का ऐलान
सीएमओ की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, सीएम नीतीश कुमार ने राज्य के लोगों से आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी एडवाइजरी का पालन करने की अपील की है. बता दें कि बिहार में हर साल आकाशीय बिजली से सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है. साल 2023 में बिहार में आकाशीय बिजली गिरने या वज्रपात की घटनाओं में 275 लोगों की जानें गई थीं. ये जानकारी इस साल फरवरी में बजट सत्र के दौरान राज्य विधानसभा में पेश की गई बिहार आर्थिक सर्वेक्षण (2024-25) की नवीनतम रिपोर्ट में दी गई.
बेगूसराय में ठनका गिरने से 5 लोगों की मौत
बेगूसराय में बुधवार सुबह से ही रुक रुककर हल्की बारिश हो रही है. इस बीच ठनका गिरने से अलग-अलग थाना क्षेत्रों में एक बच्ची समेत 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग घायल हुए हैं. उनको इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. पहली घटना बलिया थाना क्षेत्र के भगतपुर गांव की है. यहां पर भूसा लाने खेत जा रहे पति-पत्नी पर ठनका गिर गया. इस घटना में पति की मौके पर मौत हो गई, जबकि पत्नी गंभीर रूप से घायल है. मृतक की पहचान भगतपुर के रहने वाले 60 साल के विराल पासवान के तौर पर हुई है.

दूसरी घटना भगवानपुर थाना क्षेत्र के मानोपुर गांव में हुई. महिलाएं और बच्चियां सुबह शौच के लिए खेत की ओर जा रही थीं, तभी बारिश के साथ ठनका गिरने से उसकी चपेट में आने से 3 साल की अंशु कुमारी की मौत हो गई. उसकी बहन आंचल कुमारी गंभीर रूप से जख्मी हुई है. वहीं बज्रपात की चपेट में आने से 45 साल के पंकज महतो, साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र की इंदिरा देवी और मटिहानी थाना क्षेत्र के सीहमा गांव के जनार्दन महतो की भी जान चली गई.
वहीं सहरसा जिले में ठनका गिरने से दो लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 13 साल की बच्ची और एक 35 साल का युवक शामिल है.
बिहार में क्यों गिरती है आकाशीय बिजली?
बिहार में बिजली गिरने से सबसे ज्यादा नुकसान मई से सितंबर के बीच होता है. रिपोर्ट के मुताबिक, मैदानी इलाकों में तूफान और बिजली गिरने की संभावना ज्यादा रहती है. उत्तर-पश्चिम भारत की गर्म, शुष्क हवा बंगाल की खाड़ी से निकलने वाली नम हवा के साथ मिलती है, जिससे गहरे संवहन बादलों के निर्माण के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं. इसी वजह से बिजली गिरती है.
किन जगहों पर ज्यादा गिरती है आकाशीय बिजली?
वैज्ञानिकों के मुताबिक बिजली गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं उत्तर-पूर्व भारत में होती हैं. लेकिन बिजली गिरने से सबसे ज्यादा मौतें मध्य भारत में होती हैं. उत्तर-पूर्व में बिजली गिरने की ज्यादातर घटनाएं सुबह के समय, जबकि मध्य में ये घटनाएं दोपहर या उसके बाद के समय में होती हैं. दोपहर के समय में बहुत से लोग अपने खेतों में काम कर रहे होते हैं, ऐसे में उनके आकाशीय बिजली की चपेट में आने की आशंका ज्यादा रहती है.
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