
बिहार सरकार ने राज्य की कई नदियों में जलस्तर बढ़ने के मद्देनजर संबंधित विभाग के अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. अधिकारियों ने बताया कि उत्तर बिहार में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है क्योंकि सोन, गंडक, पुनपुन, बागमती और गंगा सहित कई नदियां या तो खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं या कई जिलों में खतरे के निशान के करीब हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को सड़क मार्ग से पटना के आसपास गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया था. मुख्यमंत्री अटल पथ होते हुये जेपी सेतु पहुंचे और गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर का जायजा लिया था.
नीतीश कुमार ने गंगा नदी के आसपास के इलाकों की स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गंगा नदी के किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ते जलस्तर को ध्यान में रखते हुये पूरी तरह सतर्क रहें और सभी प्रकार की तैयारी पूरी रखें.
गांधी घाट (पटना) पर गंगा का जलस्तर गुरुवार को खतरे के निशान 48.60 मीटर से .06 सेमी नीचे 48.54 मीटर पर पहुंच गया. हाथीदह, मुंगेर, भागलपुर और कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से थोड़ा नीचे बह रही है. पटना मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले दो दिन में राज्य के ज्यादातर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया है.
अधिकारियों ने बताया कि मुजफ्फरपुर में बागमती नदी का जलस्तर बढ़ने से बृहस्पतिवार को जिले के ग्रामीण इलाकों के कई गांवों में पानी भर गया. उन्होंने बताया कि इन गांवों में बांसघाट, खंगुरा, पहसौल, नगवारा, कटाई, लखनपुर, चनागेल, तेहवारा आदि शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि कटरा में अस्थायी पुल (पीपा पुल) के ऊपर से पानी बहने के कारण मुजफ्फरपुर जिले में कम से कम 16 पंचायत क्षेत्रों का सड़क संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. मुजफ्फरपुर (पूर्व) के सहायक दंडाधिकारी ज्ञान प्रकाश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संबंधित अधिकारियों को कटरा और आसपास के इलाकों में बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.''
अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को गंडक सिधवलिया (गोपालगंज) के पास खतरे के निशान से 0.35 सेमी ऊपर और कोशी नदी खगड़िया जिले के बलतारा में लाल निशान से 0.33 सेमी ऊपर बह रही है.
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