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तेजस्वी के "पॉकेटमार" बयान पर सियासी संग्राम; सम्राट चौधरी ने सुनाया अमिताभ का डायलॉग

बिहार विधानसभा चुनाव के नजदीक होने के कारण राजनीति में भाषा का स्तर लगातार अब गिरता जा रहा है. तेजस्वी यादव के शर्मनाक बयान पर बीजेपी और जेडीयू ने पलटवार किया है.

तेजस्वी के "पॉकेटमार" बयान पर सियासी संग्राम; सम्राट चौधरी ने सुनाया अमिताभ का डायलॉग

तेजस्वी यादव ने पीएम मोदी के बिहार दौरे पर कई सवाल पूछे और इसी कड़ी में उन्होंने पीएम मोदी के लिए अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल कर दिया. साथ ही सीएम नीतीश कुमार को भी नहीं छोड़ा. तेजस्वी यादव ने कहा कि "हम लोगों को पॉकेटमार प्रधानमंत्री और अचेत मुख्यमंत्री नहीं चाहिए." अब इस पर सम्राट चौधरी ने "मेरा बाप चोर" तो जदयू ने "चरवाहा विद्यालय के कुलाधिपति" तंज किया है.  

"जिनके घर में पंजीकृत अपराधी..."

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बीजेपी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, "लालू यादव जी का परिवार हताश और निराश हो चुका है. बिहार की जनता की नब्ज बहुत स्पष्ट है कि नरेंद्र मोदी जी और नीतीश कुमार जी बिहार की सेवा कर रहे हैं. और जिस तरीके का बयान तेजस्वी यादव दे रहे हैं, उससे स्पष्ट झलकता है कि जिस तरह अमिताभ बच्चन ने अपने माथे और हाथ पर लिख दिया था कि मेरे पिताजी चोर हैं, वो स्पष्ट झलकता है कि लोग किस तरह का सोच रखते हैं कि जिनके घर में पंजीकृत अपराधी हो, वो दूसरे को भी अपराधी समझता है. जैसी मानसिकता होती है, उसी तरह की सोच होती है. लेकिन मैं स्पष्ट तौर पर बिहार की जनता को बताना चाहता हूं कि 2014 से लेकर 2025 तक नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने लगभग 14 लाख करोड़ रुपया बिहार की जनता को समर्पित किया है और यहां के विकास को आगे बढ़ाया है. इसके साथ-साथ लगभग 7-8 लाख करोड़ रुपया भारत सरकार ने सीधे खर्च करने का काम किया है. इसलिए लालू प्रसाद जी का परिवार पूरी तरह से हताश और निराश हो चुका है. बिहार की जनता इसका जवाब देगी."   

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"सजायाफ्ता के बेटा"

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जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "जैसा अन्न खाता है, वैसा ही संस्कार होता है. स्वाभाविक रूप से माननीय तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता हैं आप, लेकिन एक सजायाफ्ता के बेटा हैं, ये भी याद रखना चाहिए. आदरणीय प्रधानमंत्री जी से आपकी वैचारिक भिन्नता होगी, लेकिन भाषाई दरिद्रता की सीमा आपने पार कर दी. राजनीति की लंपट भाषा का इस्तेमाल देश के प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति के लिए किया, ये बताता है कि चरवाहा विद्यालय के कुलाधिपति लालू यादव ने अपने बेटा को न संस्कार दिया, न मर्यादा दी, न भाषा का ज्ञान दिया, जनता सब देखती है और पहचानती है."

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