पटना वापस लौटने पर बिहार के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने अपनी पार्टी के सांसद मनोज झा (Manoj Jha) का जमकर बचाव किया. तेजस्वी ने कहा कि, उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का अवार्ड मिल चुका है और उन्होंने भाषण किसी को आहत करने के लिए नहीं दिया गया था, लेकिन उनके खिलाफ जैसी हिंसक भाषा का प्रयोग हुआ, वह हम बीजेपी के नेताओं के खिलाफ भी बर्दाश्त नहीं कर सकते.
तेजस्वी यादव से संवाददाताओं ने पूछा कि आपकी पार्टी के सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में ठाकुरों को लेकर जो बात कही उस पर विवाद हो रहा है. आपकी पार्टी के विधायक चेतन आनंद ने ही सवाल उठाया? इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि, ''हमने वह ट्वीट देखा है. यदि किसी को किसी बात से आपत्ति है तो पार्टी फोरम में बात रखनी चाहिए थी, न कि ट्वीट (एक्स) के माध्यम से. पार्टी में हम लोगों ने इसे संज्ञान में लिया है. इस पर हम चर्चा करेंगे.''
मनोज झा सर्वश्रेष्ठ सांसद चुने गए थे
उन्होंने कहा कि, ''हालांकि आपको पता है कि मनोज झा दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं. वे स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं. मनोज झा पार्लियामेंट में सर्वश्रेष्ठ सांसद के रूप में चुने गए हैं. इससे तो किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए. अगर किसी को बेस्ट पार्लियामेंटेरियन का अवार्ड मिला है, तो वह मनोज झा को मिला है. उनके आचरण को देखिए, उनकी बुद्धिमत्ता को देखिए, जिस हिसाब से वे संसद में हर विषय पर चर्चा में भाग लेते हैं.''
तेजस्वी यादव ने कहा कि, ''महिला आरक्षण के समय में उन्होंने जो बात रखी थी कि अति पिछड़ी महिलाओं को आरक्षण सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि गांव की महिलाएं, पिछड़े समाज की महिलाएं या अति पिछड़े समाज की, माइनॉरिटी की महिलाएं आरक्षण का लाभ उठा सकें. इसी विषय में उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि के पाठ (कविता) को दोहराया है.
मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता दोहराई थी
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि, ''आज के संदर्भ में अगर आप देखें तो चंद ही लोग देश चला रहे हैं, चंद ही लोग देश की संपत्ति को बेच रहे रहे हैं. चंद लोगों के पास जमीनें ज्यादा हैं और जिनकी आबादी ज्यादा है उसके पास जमीन है ही नहीं. तो उन्होंने (मनोज झा) आज के संदर्भ में ओमप्रकाश वाल्मीकि के पाठ को दोहराया.''
उन्होंने कहा कि, ''हम लोग समाजवादी लोग हैं. ठाकुर तो कर्पुरी ठाकुर भी लिखते हैं. यह कोई जाति की बात नहीं हो रही. हम लोग ही अहीर जाति से हैं, हम यादव सरनेम लिखते हैं. लेकिन आप देखिए चौधरी भी लिखते हैं, राय भी लिखते हैं, प्रसाद भी लिखते हैं. उनका मतलब था सबको बराबरी का मौका मिले, समाज में चंद लोग लाभ न उठा पाएं, यही उनका कहना था.''
भाजपा के सांसद रमेश बिधूड़ी ने गाली-गलौच तक की
तेजस्वी यादव ने कहा कि, ''इसी तरह की राजनीति चलती है... लेकिन भाजपा के सांसद (रमेश) बिधूड़ी पार्लियामेंट में खड़े होकर अजीब शब्दों का प्रयोग करते हैं. गाली-गलौच तक आ जाते हैं. लेकिन आप लोग उनके बयानों का पोस्टमार्टम नहीं करते. बताईए बिधूड़ी किसको धमका रहे थे, आतंकवादी बोले.. क्या-क्या नहीं बोला उन्होंने. क्या एक्शन हुआ? कोई एजेंडा नहीं.''
जितने राजपूत एमएलए हमारे पास हैं उतने बीजेपी में नहीं
उन्होंने कहा कि, ''हम तो सब लोगों को लेकर चलते हैं. जितने राजपूत एमएलए हमारे पास हैं उतने बीजेपी में नहीं हैं. हम लोग तो वीपी सिंह को मानने वाले लोग हैं. हम लोग तो मानने वाले हैं अर्जुन सिंह को, जिन्होंने शिक्षा में 27 परसेंट आरक्षण दिया. वीपी सिंह ने मंडल कमीशन लागू किया. हम तो मानते हैं रघुवंश जी को. इन तीनों से बड़ा कोई है क्या. रघुवंश जी ने मनरेगा दिया, ग्रामीण सड़कें दीं. तो यह सब बेकार की बातें हैं. यदि हमारे दल में भी कोई व्यक्ति भाजपा के लोगों को ऐसा कहता तो हम उस पर भी खेद व्यक्त करते. 2020 के चुनाव में हम लोग सरकारी बाबू के बारे में बात कर रहे थे तो भाजपा के लोग उसे कहीं और ले गए. हम घूसखोरी के बारे में, भ्रष्टाचार के बारे में बात कर रहे थे, वे कहीं और लेकर चले गए.''
चेतन आनंद को लेकर तेजस्वी ने कहा कि, उनको पहले पार्टी फोरम पर बात करनी चाहिए थी. आनंद मोहन आपके खिलाफ दिख रहे हैं? इस सवाल पर आरजेडी नेता ने कहा कि, ''हमको नकारात्मक बातों पर टिप्पणी नहीं करनी. उनके पुत्र (चेतन आनंद) हमारी पार्टी से विधायक हैं और उन्होंने इस बात को उठाया था.''
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