राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdul Bari Siddiqui) महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी के चलते विवादों में घिर गए हैं. उन्होंने कहा कि लिपस्टिक और बॉब-कट हेयर स्टाइल वाली औरतें महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) के नाम पर आगे आएंगी. इस विधेयक को इसी महीने संसद के विशेष सत्र के दौरान पारित किया गया था. सिद्दीकी बिहार के मुजफ्फरपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. हालांकि सिद्दीकी ने बाद में यह कहकर स्पष्टीकरण देना चाहा कि उनकी पार्टी शुरू से ही विधेयक का समर्थन कर रही है. राजद इस विधेयक के सबसे मजबूत आलोचकों में से एक रही है, जो ओबीसी महिलाओं को शामिल करने के लिए कोटे के भीतर कोटे की मांग कर रही है.
यह राजद की रैली थी जिसमें बहुत सारी महिला ग्रामीण भी मौजूद थीं. अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने अपने दर्शकों को नए कानून के फायदे समझाने के लिए "सामान्य ग्रामीण भाषा" का इस्तेमाल किया.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता कौशल किशोर ने सिद्दीकी की टिप्पणी को राजद नेता की "छोटी मानसिकता" का संकेत बताया. उन्होंने कहा कि यह उनकी छोटी मानसिकता का परिचायक है. जो महिलाएं चुनकर संसद में आ रही हैं, वे संविधान और कानून पढ़कर आ रही हैं और जनता के हित की बात कर रही हैं. जैसे एक कार में दो पहिए होते हैं, वैसे ही संसद और विधानसभा में महिलाएं और पुरुष मिलकर जनहित के कानून बनाएंगे और विकसित भारत बनाने में मदद करेंगे.''
झामुमो नेता ने की सिद्दीकी के बयान की आलोचना
सिद्दीकी की टिप्पणी की इंडिया गठबंधन में सहयोगी झामुमो ने भी आलोचना की है. पार्टी की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि ऐसे बयानों से महिलाओं को ठेस पहुंच सकती है. उन्होंने कहा, "हम आज 21वीं सदी में हैं. ऐसे बयान से बचना चाहिए जिससे महिलाओं को ठेस पहुंचे. हम भी चाहते हैं कि पिछड़े वर्ग की महिलाएं आगे आएं. हम महिला आरक्षण विधेयक में एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के आरक्षण को लेकर भी बात कर रहे हैं."
महिला आरक्षण विधेयक पर नई नहीं है आपत्ति
ओबीसी कोटे के बिना महिला आरक्षण विधेयक पर राजद की आपत्ति नई नहीं है. राजद नेताओं, समाजवादी पार्टी के सांसदों और जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख रहे शरद यादव ने विधेयक के पारित होने में पहले कई बार बाधा डालने की कोशिश की है. यहां तक की बिल पेश किए जाने के दौरान उसकी प्रति छीनने तक की कोशिश की गई.
विधेयक को लेकर पूर्व में की गई ऐसी टिप्पणियां
साथ ही विधेयक को लेकर इस तरह की टिप्पणियां नई नहीं है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के पिता और पार्टी संरक्षक दिवंगत मुलायम सिंह यादव कम से कम दो बार अपनी टिप्पणियों के कारण विवाद में आए थे कि कैसे आरक्षण से केवल संपन्न महिलाओं को लाभ होगा. 2012 में जब उनसे कोटे के भीतर कोटे की मांग को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा, "...बड़े घर की लड़कियों और महिलाओं को फायदा मिलेगा, हमारे गांव की गरीब महिलाओं को नहीं, आकर्षक नहीं होती, बस इतना कहूंगा, ज्यादा नहीं."
जब मुलायम ने कहा - यह युवाओं को संसद में सीटी...
वहीं मार्च 2010 में विधेयक को मंजूरी के लिए जब राज्यसभा में पेश किया गया था तो उन्होंने कहा था, "यदि महिला आरक्षण विधेयक वर्तमान प्रारूप में पारित हो जाता है, तो यह युवाओं को संसद में सीटी बजाने के लिए उकसाएगा."
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