- बिहार चुनाव में लालू यादव के दोनों बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप अलग-अलग राजनीतिक दलों से चुनाव लड़ रहे हैं
- तेज प्रताप यादव ने RJD में सामाजिक न्याय की कमी और पूंजीपतियों का बोलबाला बताया
- तेज प्रताप ने राजद में 5 जयचंदों का आरोप लगाते हुए अपने संगठन और परिवार से बेदखल होने का खुलासा किया
सियासत की दुनिया भी बड़ी अजब है, यहां रिश्ते खून से नहीं बल्कि जरूरतों से तय होते हैं. कब अपना पराया हो जाए और पराया अपना, इसकी कोई गारंटी नहीं दे सकता. दोस्ती, दुश्मनी, वफादारी और बगावत... सब कुछ वक्त और मौके की नजाकत का खेल है. अगर बात बिहार की हो, तो ये खेल और भी दिलचस्प हो जाता है. इन दिनों बिहार चुनाव में कुछ ऐसा ही नज़ारा देखने को मिल रहा है, वो भी लालू यादव के परिवार में. इसमें एक तरफ हैं उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव, जो महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के चेहरे हैं और पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में हैं. दूसरी तरफ हैं बड़े बेटे तेज प्रताप यादव, जो अपनी अलग पार्टी बनाकर महुआ सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों भाई एक ही राजनीतिक विरासत से आए हैं, लेकिन आज अलग-अलग दहलीज पर खड़े हैं.
जो भाई का नहीं हो सकता हैं वह जनता का कैसे...
परिवार से निकाले जाने के बाद से ही तेज प्रताप खुलकर बोल रहे हैं. अब जन शक्ति जनता दल के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कहा कि सामाजिक न्याय बचा कहां है, क्योंकि जयचंद सब जगह कब्जा कर लिया है. हमारे साथ क्या हुआ, जो भाई का नहीं हो सकता हैं वह जनता का कैसे हो सकता हैं. हमेशा हम आशीर्वाद दिए. हम हमेशा कृष्ण की तरह अर्जुन को आशीर्वाद दिए. लेकिन कृष्ण को ही ठग लिया गया, दुर्योधन सब ले लिया. कृष्ण भगवान क्या किए, वो तो सिर्फ पांच गांव ही मांगने गए थे हस्तिनापुर, क्या हुआ उन सभाओं में. दुर्योधन बोला ग्वालों को बांट दो तो भगवान कृष्ण ने विराट रूप दिखाया. यही विराट रूप मैं हेलीकॉप्टर लेकर दिखाने आया हूं.
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राजद में बड़े पूंजीपतियों का बोलबाला
जनशक्ति जनता दल के प्रमुख तेज प्रताप यादव नवादा के रजौली विधानसभा के सिरदला में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे. तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनका चुनाव चिन्ह ब्लैक बोर्ड है, नरेंद्र मोदी भी इसी ब्लैक बोर्ड पर पढ़े हैं. उन्होंने कहा कि 8 नंबर था और प्रकाशवीर का भी 8 नंबर है. उन्होंने कहा कि 8 नंबर माता देवकी के पुत्र का नंबर है. तेजप्रताप ने जनता से अपील की कि पलायन, शिक्षा और रोजगार के मुद्दों को लेकर 11 तारीख को रणभूमि में उतरकर अपना बहुमूल्य वोट दें. उन्होंने कहा कि प्रकाशवीर शुरू से राजद में रहे हैं, लेकिन राजद में बड़े पूंजीपतियों का बोलबाला है. जो गरीब और मेहनतकश वर्ग सामाजिक न्याय की बात करता है, उसे दरकिनार कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय का मतलब स्मार्ट सिटी नहीं, बल्कि स्मार्ट गांव होना चाहिए. लोहिया जी, कर्पूरी ठाकुर, जयप्रकाश नारायण और लालू प्रसाद यादव की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम वे कर रहे हैं.
राजद में 5 जयचंद, जिन्होंने उन्हें संगठन और परिवार से किया अलग
तेज प्रताप यादव ने बिना नाम लिए कहा कि राजद में 5 जयचंद हैं, जिन्होंने उन्हें संगठन और परिवार से बेदखल करने का काम किया. उन्होंने कहा कि अब वे अपने जनता मालिक के पास लौट आए हैं. जनता मेरी भगवान है और मैं उनका सेवक हूं. जब भी मैं विचलित होता हूं, अपने जनता के बीच जाता हूं और वहीं से मुझे ताकत मिलती है. तेजप्रताप ने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने हमेशा सिखाया कि जब भी मन विचलित हो, अपने मालिक यानी जनता के पास चले जाओ. इसलिए आज वे अपने मालिक के बीच आए हैं और जनशक्ति जनता दल के प्रत्याशी प्रकाशवीर के समर्थन में जनता से वोट की अपील कर रहे हैं.
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जिसका सलाहकार गलत, उसका पतन निश्चित
तेज प्रताप यादव ने इशारों इशारों में तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि राजा आंख का अंधा ,कान का बहरा और गूंगा होता है और उसके आसपास के सलाहकार गलत हो तो उसका पतन निश्चित होता हैं. सभा के दौरान तेजप्रताप ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ बहरूपिए उनकी सभाओं को डिस्टर्ब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ई जितना हरा पार्टी वाला है, सब डिस्टर्ब कर रहा है.
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