बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि, ''बिहार में सद्भाव बिगाड़ने की कोशिश पर बिहार सरकार की पैनी नजर है. जिन राज्यों में बीजेपी कमजोर है वहां बौखलाई हुई है. एक-एक उपद्रवी को चिन्हित कर कठोरतम कार्रवाई की जा रही है. भाईचारे को तोड़ने के किसी भी भाजपाई 'प्रयोग' का हमने हमेशा माकूल जवाब दिया है और देते रहेंगे.'' बिहार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा के बाद तेजस्वी ने उक्त ट्वीट किया.
गौरतलब है कि बिहार के सासाराम और बिहारशरीफ में रामनवमी और उसके बाद हिंसा की घटनाएं हुई हैं.
बिहार के नवादा में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, ''जनता के बीच जाएंगे और महागठबंधन की सरकार को उखाड़ फेंकेंगे.'' उन्होंने कहा कि, ''नीतीश बाबू ( मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) प्रधानमंत्री बनने से रहे क्योंकि देश की जनता ने तय किया है कि तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने वाले हैं. अब नीतीश बाबू को वापस न लिया जाए यही जनता का मन है.'' उन्होंने कहा कि, ''लोकसभा चुनाव के बाद यह (बिहार) सरकार अपने वजन से गिरने वाली है और कमल की सरकार बनने वाली है.'' उन्होंने लोगों से कहा कि, ''40 में से 40 सीटें दीजिए, दंगा करने वालों को उल्टा लटकाकर सीधा कर देंगे.''
इससे पहले शुक्रवार को तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस दावे पर कटाक्ष किया था कि केंद्र में पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने ‘‘दबाव'' बनाया था. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता यादव ने कहा था कि वे शाह की टिप्पणी से अनभिज्ञ हैं, लेकिन आश्चर्य है कि क्या यह अनजाने में स्वीकार किया गया है कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार के दौरान केंद्रीय एजेंसियों पर ‘‘दबाव'' डाला जा रहा है.
उन्होंने कहा था, ‘‘मैं यह नहीं कह सकता कि उनके दावे में कोई सच्चाई है या नहीं. लेकिन, उन्होंने दबाव शब्द का इस्तेमाल किया. तो, एक तरह से, क्या इसका मतलब यह नहीं है कि वे स्वीकार करते हैं कि केंद्रीय एजेंसियों पर दबाव डाला जा रहा है और उन्हें निष्पक्ष तरीके से काम करने की अनुमति नहीं दी जा रही है?''
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