आरजेडी नेता शिवानंद ने कहा है कि नीतीश कुमार कुमार की ओर ललचाई निगाह से देखने वालों की तादाद कम नहीं है. एक समय तो मैं भी उन लोगों में शामिल था. मेरी पहुंच तो उनके चौखट तक थी. मजनू की तरह उनकी चौखट पर मैंने खूब सर मारा. लेकिन उनका दरवाजा नहीं खुला. दरअसल उनकी खिड़की पर सीटी बजाकर उन्हें ललचाने वाले लोग भूल जा रहे हैं कि एक मर्तबा नरेंद्र मोदी को तलाक देकर 2014 तक अकेले रहे. लेकिन जल्दी ही उन्हें एहसास हो गया कि अकेले उनकी सियासत का गुजर-बसर चलने वाला नहीं है.
उन्होंने कहा है कि दरअसल नीतीश अकेले रह ही नहीं सकते हैं. बगैर जोड़ी बनाए उनकी ‘सत्तामुखी' राजनीति चल ही नहीं सकती है. इसलिए लालू यादव से उन्होंने हलाला कर लिया. उन्होंने महसूस कर लिया था कि नरेंद्र भाई मोदी की गोदी ही उनके लिए ज़्यादा सुरक्षित है. इसलिए लालू जी को तलाक देकर पुनः उन्होंने मोदी जी से निकाह कर लिया.
शिवानंद ने कहा कि मोदी जी की गोदी की उष्मा में सुकून के साथ वहीं से परलोक यात्रा का सपना देख रहे हैं. इसके बावजूद उन पर डोरे डालने वालों की कमी नहीं है. ऐसे लोग ‘लोर' टपकाते रहेंगे. लेकिन नीतीश कुमार फिर पुरानी गलती दुहराने वाले नहीं हैं. हां, उनकी खिड़की पर सीटी बजाने वाले जब तक रहेंगे तब तक मोदी जी भी उनसे सशंकित रहेंगे. सावधानी के साथ नीतीश कुमार से बरताव करेंगे और उनके नख़रों को सहन करते रहेंगे. इसलिए नीतीश के तो आजकल बल्ले-बल्ले हैं भाई !
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