बीजेपी के लिए बिहार में शिक्षा का स्‍तर नहीं, मुस्लिम बहुल इलाके के स्‍कूलों में छुट्टी के दिन का मुद्दा अहम : शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी ने लिखा-बीजेपी की नज़रों में शिक्षा की गुणवत्ता महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण साप्ताहिक छुट्टी का दिन है !

बीजेपी के लिए बिहार में शिक्षा का स्‍तर नहीं, मुस्लिम बहुल इलाके के स्‍कूलों में छुट्टी के दिन का मुद्दा अहम : शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी ने फेसबुक पोस्‍ट के जरिये बीजेपी पर निशाना साधा

पटना :

राष्‍ट्रीय जनता दल नेता शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) का मानना है कि बिहार राज्‍य की सियासत अपने मूल मुद्दे से भटक गई है और गैरजरूरी मुद्दे  इस समय सुर्खियां बन रहे हैं. बिहार के प्रमुख नेता शिवानंद तिवारी ने फेसबुक पोस्‍ट में लिखा, "बिहार का मुख्यमंत्री कौन है, इस सवाल के जवाब में एक स्कूल के हेडमास्टर ने बताया कि लालू यादव हैं बिहार के मुख्यमंत्री. बिहार की शिक्षा व्यवस्था की हालत का बयान करने के लिए यही ख़बर पर्याप्त है. बिहार की राजनीति में इस ख़बर पर नहीं  के बराबर चर्चा हुई, लेकिन सीमांचल के मुस्लिम बहुल इलाक़े के स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी रविवार को न होकर जुमे यानी शुक्रवार को होती है, भारतीय जनता पार्टी (BJP)इसको बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है. यानी बीजेपी की नज़रों में शिक्षा की गुणवत्ता महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण साप्ताहिक छुट्टी का दिन है ! भाजपा के पढ़े-लिखे लोग भी इसको गंभीर मुद्दा बनाने की कोशिश में लगे हैं. नज़ीर दी जा रही है कि कि फ़लाने मुस्लिम देश में जुमा यानी शुक्रवार के दिन स्कूल बंद नहीं होता है. 

आरजेडी नेता ने लिखा, "आख़िर स्कूल का मक़सद क्या है ? वह मक़सद स्कूल पूरा कर रहा है या नहीं, मूल प्रश्न तो यह है. उसको परखने की कसौटी होनी चाहिए. बिहार का मुख्यमंत्री कौन है-इस सवाल के जवाब में स्कूल के प्रधानाध्यापक के जबाब को आप एक कसौटी मान सकते हैं. इस कसौटी पर तो हमारी शिक्षा व्यवस्था की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है. इसको कैसे दुरुस्त किया जाए, इस पर बीजेपी बहस क्यों नहीं चला रही है ! दरअसल, बीजेपी को आम लोगों से जुड़े मूल सवालों से कोई मतलब ही नहीं है. हर विषय को सांप्रदायिक नज़रिए से ही देखने का प्रशिक्षण इनको मिला हुआ है. सीमांचल के इलाक़े में मुसलमानों की सघन आबादी है. प्रत्येक कसौटी पर वह पिछड़ा इलाक़ा है. बजट सत्र के समय बिहार सरकार द्वारा पेश किया जानेवाला आर्थिक सर्वेक्षण ही इस तथ्य का खुलासा करता है. सीमांचल के स्कूलों में विद्यार्थी सहित अधिकांश शिक्षक भी मुसलमान हैं. सबको मालूम है कि शुक्रवार यानी जुमा की सामूहिक नमाज़ मुस्लिम समाज में बहुत महत्व रखती है. इसलिए शुरुआती दिनों से ही उन इलाक़ों के स्कूलों में शुक्रवार के दिन छुट्टी और रविवार को पढ़ाई द्वारा उस छुट्टी की भरपाई की परंपरा उन इलाक़ों में बनी हुई है. अभी के पहले कभी इस अनौपचारिक व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाया गया." 

शिवानंद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए पोस्‍ट में लिखा, "बीजेपी बिहार में अपने दम पर सरकार बनाने के लिए बेचैन है. मुस्लिम बहुल इलाक़े के स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी जैसे अनावश्यक सवाल को मुद्दा बनाकर शोर मचाने की कोशिश उसी बेचैनी का इज़हार है. यही नहीं, पार्टी की बड़ी बैठक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का रोड शो और इस बड़े आयोजन का समापन अमित शाह द्वारा किया जाना , यह सब एक निश्चित एजेंडा के तहत हो रहा है. नीतीश जी के सामने भाजपा की यह बेचैनी गंभीर चुनौती है. इस चुनौती का सामना वे किस प्रकार करते हैं यह देखना दिलचस्प होगा."

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