
बिहार में विधानसभा चुनाव होने में भले अभी कुछ महीनों का वक्त हो लेकिन सूबे में सियासी पारा अभी से ही चढ़ने लगा है. इस बार के चुनाव में एनडीए और महागठबंधन में सीधा मुकाबला है. इस चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी(रामविलास) जैसी बड़ी पार्टियों ने अभी से अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. आरजेडी में तो इस चुनाव को लेकर बैठकों को दौर भी जारी है. NDTV को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक पार्टी चुनाव से पहले अपने बड़े नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी में दिख रही है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही लालू प्रसाद यादव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हट सकते हैं और उनकी जगह ले सकते हैं उनके पुराने मित्र एवं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह.
जगतानंद सिंह, जो कि लालू प्रसाद यादव के बहुत पुराने सहयोगी एवं मित्र रहे हैं एवं मंत्रिमंडल भी उनके साथ काम किया है, वो काफी लंबे समय तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली और अभी हाल में हुए बदलाव में उनकी जगह प्रदेश की कमान मंगली लाल मंडल को दी गई , जो कि लालू प्रसाद यादव के पूर्व मंत्रिमंडल सहयोगी भी हैं एवं अति पिछड़ा के एक बड़े चेहरे माने जाते हैं.
एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक लालू प्रसाद यादव चाहते हैं की उनके बढ़ते उम्र के कारण एवं स्वास्थ्य की समस्याओं के कारण उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से मुक्त किया जाए एवं उनके पुराने मित्र और विश्वास पात्र रहे जगदानंद सिंह को इसकी कमान दी जाए. एनडीटीवी की जानकारी के मुताबिक इस फैसले पर तेजस्वी यादव की भी सहमती बन गई है. चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल अपने पार्टी को पूरी तरह तैयार कर रही है ताकि चुनाव के मैदान में जब वह उतरे तो पार्टी के प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर की कमान ऐसे नेताओं के हाथ में हो जो कि लालू प्रसाद यादव परिवार के पुराने विश्वस्त रहे हो एवं जिनसे जातीय समीकरण में भी राजद को फायदा मिले.
जगदानंद सिंह राजपूत जाति से आते हैं एवं अगड़ी समाज में उनकी खासी पकड़ मानी जाती है .ईमानदार छवि के जगतानंद सिंह एक कड़क अनुशासन वाले राजनेता माने जाते हैं और जब प्रदेश अध्यक्ष की कमान उन्होंने संभाली थी तो पार्टी को काफी अनुशासित करने की कोशिश की थी . हालांकि उनके द्वारा उठाए गए कठोर कदमों एवं निर्णयों से पार्टी में एक बड़े तबके में नाराजगी भी हुई थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप भी शामिल हैं.
तेज प्रताप ने खुले मंच से जगदानंद सिंह द्वारा लिए गए कई कठोर निर्णयों का विरोध किया था, लेकिन उसके बावजूद भी तेजस्वी एवं लालू प्रसाद यादव ने जगदानंद सिंह पर अपना विश्वास बनायें रखा उन्हें पार्टी की कमान सौंपी रखी लेकिन जब जगदानंद सिंह ने खुद ये इच्छा जाहिर की कि वे प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं, तब पार्टी ने लालू के पुराने सहयोगी मग्नीलाल मंडल का चयन किया जो कि अति पिछड़ा जाति से आते हैं एवं पार्टी को यह उम्मीद है कि मदनी लाल मंडल के आने से अति पिछड़ा वोटरों में उनकी पैठ बढ़ेगी और राजद के वोट में मुस्लिम और यादव के अलावा अति पिछड़ा वोट भी बड़ी संख्या में जुड़ सकता है .
वहीं, जगदानंद सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान देने से राजद ने एक तरह से अगडी जातियों यानी राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार और कायस्थ समाज को ये संदेश देने की कोशीश करेगी कि वो उनके लिए भी जगह और सम्मान बनाए रखेगी. एनडीटीवी को मिली जानकारी के मुताबिक जगदानंद सिंह को कमान देने की घोषणा जल्द की जा सकती है. हालांकि राजद की तरफ से ऐसी कोई अधिकारिक या अनौपचारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन पार्टी के हमारे विश्वस्त सूत्र बता रहे हैं कि जगतसिंह को पदभार के लिए राजी कर लिया गया है ताकि वो चुनाव प्रचार के समय राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में मैदान में उतरे एवं लालू प्रसाद यादव को रोज रोज के चुनाव प्रचार से आराम दिया जा सके, उनकी बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए.
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