विज्ञापन
This Article is From Dec 03, 2018

पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव बना BJP-JDU में तकरार की वजह, निशाने पर नीतीश कुमार के 'संकट मोचक'

दो दिन पहले आरएसएस से ताल्लुक रखने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जदयू के छात्र विंग के कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई थी. इसके बाद जदयू की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई गई थी.

पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव बना BJP-JDU में तकरार की वजह, निशाने पर नीतीश कुमार के 'संकट मोचक'
जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर. (फाइल तस्वीर)
  • ABVP-JDU छात्र विंग के कार्यकर्ताओं में हो गई थी झड़प
  • भाजपा ने साधा पुलिस और प्रशासन पर निशाना.
  • चुनाव प्रभावित करने का आरोप.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
पटना: पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव भाजपा और बिहार में उसके सहयोगी दल नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड में तकरार की वजह बना गया है. जहां जदयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर भाजपा के निशाने पर आ गए हैं. हालांकि, भाजपा ने सीधे तौर पर उनका नाम नहीं लिया है, लेकिन एक प्रेस नोट जारी करके कहा है, पुलिस, प्रशासन और 'कुछ इवेंट मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स' चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. प्रेस नोट में जहां इवेंट प्रोफेशनल्स की बात की जा रही है, उसे जदयू नेताओं की तरफ ईशारे के रूप में देखा जा रहा है. इस मसले पर प्रशांत किशोर से बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. उनकी पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि भाजपा अनावश्यक रूप से छोटे से मुद्दे को बड़ा बना रही है. 

बता दें, दो दिन पहले आरएसएस से ताल्लुक रखने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की जदयू के छात्र विंग के कार्यकर्ताओं से झड़प हो गई थी. इसके बाद जदयू की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई गई. पुलिस ने एबीवीपी के स्थानीय दफ्तर पर छापेमारी की थी. इसके बाद भाजपा राज्य नेतृत्व ने इस कार्रवाई का जवाब देने के लिए विधान पार्षद डॉ. संजय पासवान और विधायक अरुण सिन्हा, नितिन नवीन एवं संजीव चौरसिया को उतारा है, जिन्होंने संयुक्त प्रेस नोट जारी करके पुलिस और प्रशासन पर निशाना साधा.

उपेंद्र कुशवाहा ने रखी 25 सूत्रीय मांग, तो जदयू के प्रवक्ता बोले- वर्तनी और व्याकरण तो ठीक कर लेते

भाजपा के प्रेस नोट में कहा गया है, 'कई दलों के द्वारा बाहर से अपराधी किस्म के लोगों को कैम्पस में बुलाकर माहौल को ख़राब करने की कोशिश की जा रही है. यही नहीं, ये शातिर लोग बाहरी लोगों के माध्यम से नाटकीय तौर पर घटना को अंजाम देकर उसे आपराधिक रंग दे रहे है जिसके सहारे एबीवीपी उम्मीदवारों की न सिर्फ छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है बल्कि उन्हें परेशान भी किया जा रहा है. पुलिस-प्रशासन के माध्यम से एबीवीपी उम्मीदवारों व समर्थक छात्रों को दबिश देकर आतंकित किया जा रहा है ताकि वे प्रचार भी नहीं कर सकें और चुनावी प्रक्रिया से बाहर हो जाएं.'

NDA में DNA पर दंगल: PM मोदी के खिलाफ नीतीश के सियासी 'तीर' को क्या अब उपेंद्र कुशवाहा बना रहे हैं 'रामबाण'

इसके साथ ही कहा गया है कि कुछ मीडिया, एडवर्टाइजिंग एवं इवेंट मैनेजर किस्म के लोगों की प्रोफेशनल सेवा लेकर छात्रसंघ चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है, इस हास्यास्पद पहलू से किसी को ऐतराज नहीं है. लेकिन जिस तरीके से पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव को प्रदूषित किया जा रहा है वह बिहार की छात्र राजनीति के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. 

RJD का भाजपा पर निशाना: राम ने तो देश जोड़ा था. ये उनका नाम लेकर तोड़ना चाहते हैं

बता दें, प्रशांत किशोर ने पीएम नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार और फिर कांग्रेस के लिए बतौर चुनावी रणनीतिकार काम किया है. इसके बाद प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का हाथ थाम लिया. इस साल अक्टूबर में प्रशांत किशोर को जदयू का उपाध्यक्ष बना दिया गया और उन्हें पार्टी की छात्र विंग मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई. पटना यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव को उनकी पहली सियासी परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है.

आरक्षण खत्म करने की किसी में ताकत नहीं, हम हर कुर्बानी देने को तैयार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

जदयू में शामिल हुए चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर  

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com