नीतीश कुमार ने कहा कि सरकार में शामिल भाजपा के लोगों से कहीं कोई दिक़्क़त नहीं हैं. उनकी सरकार किसी को न बचाती हैं और न ही फंसाती है.
पटना:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को उनके बयानों के लिए आड़े हाथों लिया. गिरिराज सिंह द्वारा नवादा की जेल में दंगे के आरोपी से मुलाकात और राज्य सरकार के खिलाफ बयानबाजी के मुद्दे पर नीतीश कुमार ने कहा कि जिसको आप ताक़तवर व्यक्ति मान रहे हैं और उसको भी बोलना पड़ रहा है तो इसका मतलब है कि वो व्यक्ति सरकार के इक़बाल को निर्धारित नहीं करता बल्कि सरकार के इक़बाल की पुष्टि करता है. इस दौरान नीतीश कुमार ने यह भी माना कि गिरिराज सिंह का जेल जाकर दंगे के आरोपी से मिलना उचित नहीं है. अगर कार्रवाई से अापत्ति है तो उसको कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
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नीतीश कुमार ने दावा किया कि भले ही गिरिराज सिंह बयान दे रहे हों, लेकिन सांप्रदायिक ताक़तों से कोई समझौता नहीं किया हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में शामिल भाजपा के लोगों से कहीं कोई दिक़्क़त नहीं हैं. उनकी सरकार किसी को न बचाती हैं और न ही फंसाती है, लेकिन नीतीश के अनुसार बोलने वाले को ध्यान में रखना चाहिये. नीतीश के अनुसार सरकार जिम्मेदारी, मर्यादा और ईमानदारी के साथ बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है. तेजस्वी यादव के बयान पर बिना नाम लिए नीतीश ने कहा कि जब उन्होंने लालू यादव का फोन पर हाल-चाल पूछा था तो तमाम अमर्यादित बयान दिये गए. नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने लालू यादव को फोन कर उनका हाल-चाल पूछा था, लेकिन इस पर कैस- कैसी बात बोली गई. राजनीतिक विरोध अपनी जगह होता है और निजी मित्रता अपनी जगह.
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नीतीश कुमार ने दावा किया कि भले ही गिरिराज सिंह बयान दे रहे हों, लेकिन सांप्रदायिक ताक़तों से कोई समझौता नहीं किया हैं. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में शामिल भाजपा के लोगों से कहीं कोई दिक़्क़त नहीं हैं. उनकी सरकार किसी को न बचाती हैं और न ही फंसाती है, लेकिन नीतीश के अनुसार बोलने वाले को ध्यान में रखना चाहिये. नीतीश के अनुसार सरकार जिम्मेदारी, मर्यादा और ईमानदारी के साथ बिना किसी भेदभाव के काम कर रही है. तेजस्वी यादव के बयान पर बिना नाम लिए नीतीश ने कहा कि जब उन्होंने लालू यादव का फोन पर हाल-चाल पूछा था तो तमाम अमर्यादित बयान दिये गए. नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने लालू यादव को फोन कर उनका हाल-चाल पूछा था, लेकिन इस पर कैस- कैसी बात बोली गई. राजनीतिक विरोध अपनी जगह होता है और निजी मित्रता अपनी जगह.
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