
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (फाइल फोटो)
बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में बिहार के नतीजों पर कहा है कि यह जीत बिहार के लोगों की जीत है कोई मानेगा कि उनकी जीत है तो भ्रम है. नीतीश ने ये बात पटना पहुंचने पर एयरपोर्ट पर मीडिया वालों से बातचीत के दौरान कही. नीतीश के इस कथन का यही अर्थ लगाया जा रहा हैं कि उन्होंने बीजेपी के दिल्ली से लेकर पटना तक के नेताओं को इशारे-इशारे में ये कहा है कि बिहार में जो उनतालीस सीट एनडीए को मिली हैं, वो बिहार में जो उनका जनधार है उसके कारण मिला हैं ना कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण. नीतीश ने कहा कि चुनाव के दौरान मालूम किया जाना चाहिए और लोगों ने देखा हैं कि किस वर्ग के लोग कड़ी धूप में मतदान कर रहे थे.
क्या केंद्रीय मंत्रिमंडल में बिहार के सामाजिक समीकरण को नजरअंदाज किया गया?
नीतीश का इशारा निश्चित रूप से अतिपिछड़ी जाति के तरफ़ होगी जिन्होंने एनडीए के लिए जमकर मतदान किया है. नीतीश ने दिल्ली से लौटने के बाद दो मुद्दों पर अपनी सफ़ाई दी. एक मंत्रिमंडल में उनकी कोई संख्या पर कोई चर्चा नहीं हुई. उन्होंने केवल मांग रखी थी कि भाजपा सहयोगियों को समानुपातिक आधार पर संख्या दे लेकिन उन्होंने माना कि भाजपा को प्रचंड बहुमत होने के कारण इस विषय पर कोई सांकेतिक प्रतिनिधिव से ज़्यादा दिलचस्पी नहीं थी. उन्होंने साफ़ किया कि भविष्य में भी जनता दल यूनाइटेड का मोदी कैबिनेट में कोई प्रतिनिधित्व होने का कोई संभावना नहीं क्योंकि इसका एक ग़लत राजनीतिक अर्थ लगाया जाएगा.
नीतीश कुमार बोले- केंद्र में सांकेतिक भागीदारी की आवश्यकता नहीं है