
Holi 2025: बिहार के कई जिलों में होली की तिथि को लेकर कंफ्यूजन की स्थिति है. कई गांवों में ऐसे भी हैं, जहां कुछ परिवार 14 को होली मना रहे हैं तो कुछ परिवार 15 को. हालांकि होलिका दहन पूरे राज्य में आज ही मनाई जा रही है. पटना के ज्योतिष आचार्य डॉ. राजनाथ झा ने बताया कि 13 मार्च की रात 10.47 पर भद्रा समाप्त होगा. इसके बाद होलिका दहन होगा. 14 मार्च को स्नान-दान की पूर्णिमा है, इस दिन कुलदेवता को सिंदूर अर्पण किया जाएगा. 15 मार्च को भष्म धारण और होली मनाई जाएगी.
बिहार में मिथिला और बनारस पंचांग की मान्यता
दरअसल बिहार में ज्यादातर लोग मिथिला और बनारस पंचांग को मानते हैं. इन दोनों की पंचांगों में होलिका दहन 13 मार्च को बताया गया है. लेकिन फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत 13 मार्च को तथा स्नान-दान की पूर्णिमा 14 मार्च को होगी.
फाल्गुन की पूर्णिमा गुरुवार सुबह 10 बजकर 11 मिनट से शुरू हो रहा है और भद्रा भी उसी समय से आरंभ हो रहा है. 14 मार्च को पूर्णिमा तिथि दोपहर 11 बजकर 22 मिनट तक ही है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन को लेकर शास्त्रों में तीन नियम बतलाए गए हैं.
- पहला पूर्णिमा तिथि
- दूसरा भद्रा मुक्त काल
- तीसरा रात्रि का समय
दूसरी ओर रंगोत्सव का पर्व होली उदय व्यापिनी चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में मनाया जाता है. ऐसे में बिहार के कई पंडितों का मानना है कि होली चैत्र कृष्ण प्रतिपदा 15 मार्च शनिवार को मनाई जाएगी.
होलिका दहन का मुहुर्त क्या है
आज 13 मार्च, गुरुवार की रात सुबह 10:35 से रात 11:29 बजे तक भद्रा का साया रहने वाला है. ऐसे में रात 11:30 बजे के बाद होलिका दहन किया जा सकेगा. साढ़े 11 बजे से होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शुरू होगा और जो देर रात 12:15 बजे तक रहेगा. ऐसे में तकरीबन 45 मिनट तक होलिका दहन किया जा सकेगा.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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