
- SIR पर RJD-कांग्रेस के विरोध पर जीतन राम मांझी ने चुटकी लेते हुए रविवार को एक्स पर एक पोस्ट किया
- एक वीडियो शेयर करते हुए जीतन राम मांझी ने लिखा, चुनाव आयोग के SIR के विरोध का असल कारण फर्जीवाड़ा है
- RJD,कांग्रेस चाहती हैं कि जिनकी मृत्यु हो चुकी है वो मृत्यु लोक से आकर बिहार चुनाव में पूर्व की भांति वोट करे.
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दे पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां पर हमला बोलते हुए एक वीडियो एक्स पर शेयर की. जिसमें दिखाया गया कि कैसे 15 साल पहले जिस महिला का निधन हो गया था, उसके नाम पर वोट डाला गया है. वीडियो शेयर करते हुए जीतन राम मांझी ने लिखा, चुनाव आयोग के SIR के विरोध का असल कारण इस तरह का फर्जीवाड़ा है. RJD,कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि जिनकी मृत्यु हो चुकी है वो मृत्यु लोक से आकर बिहार चुनाव में पूर्व की भांति वोट करे. अब आप ही बताईए ऐसा ड्रामा कब तक चलेगा.
चुनाव आयोग के SIR के विरोध का असल कारण इस तरह का फर्जीवाड़ा है ....
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) July 27, 2025
RJD,कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियां चाहती हैं कि जिनकी मृत्यु हो चुकी है वो मृत्यु लोक से आकर बिहार चुनाव में पूर्व की भांति वोट करे।
अब आप ही बताईए ऐसा ड्रामा कब तक चलेगा।@RJDforIndia @INCIndia @BJP4India… pic.twitter.com/76S2dGQLAZ
बता दें बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) करने का पहला चरण शुक्रवार को समाप्त हो गया है. निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण की पहले चरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बताया कि उसके स्थानीय चुनावी तंत्र ने रिपोर्ट दी है कि लगभग 35 लाख मतदाता या तो स्थायी रूप से पलायन कर गए हैं या 24 जून के बाद से उनका पता नहीं चल सका है.
इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में राज्य में मतदाताओं की संख्या लगभग 7.90 करोड़ है. आयोग के मुताबिक, बूथ-स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) और राजनीतिक दलों के बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) ने लगभग 22 लाख मृत मतदाताओं के नामों की सूचना दी है. इसके अलावा, लगभग सात लाख मतदाता एक से ज्यादा स्थानों पर पंजीकृत पाए गए. निर्वाचन आयोग ने बताया कि लगभग 1.2 लाख मतदाताओं के गणना फार्म अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं.
आयोग ने बताया कि अब तक बिहार के 99.8 प्रतिशत मतदाता इस प्रक्रिया में शामिल हो चुके हैं और 7.23 करोड़ मतदाताओं के प्रपत्र प्राप्त हो चुके हैं और उन्हें डिजिटल स्वरूप दिया जा चुका है.
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