गेहूं की फसल में पानी देने का काम शुरू होते ही भारत-नेपाल बॉर्डर पर खाद तस्कर सक्रिय हो गए हैं.वैसे बॉर्डर से उर्वरक की तस्करी कोई नया धंधा नहीं है. बॉर्डर पर एसएसबी रहती है. पुलिस भी गश्ती करती है.कृषि विभाग के अधिकारी निगरानी करते हैं.इसके बाद भी खाद की तस्करी बंद नहीं हो रही है. जानकार कहते हैं कि सीजन में शराब तस्कर भी खाद की तस्करी में लग जाते हैं.कारण कि शराब की तरह खाद में भी अच्छी आमदनी होती है.इस बीच जिला प्रशासन और एसएसबी के स्तर से तस्कर और खाद के विक्रेताओं के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की गई है.
किस सामान की कहां से तस्करी
बिहार में शराबबंदी है. इस कारण नेपाल से भारतीय क्षेत्र में शराब की तस्करी की जाती है, जबकि भारतीय क्षेत्र से तस्करी के जरिए नेपाल में खाद पहुंचाया जाता है. भारतीय खाद से ही नेपाल में फसलें लहलहाती हैं. जानकारों की माने तो नेपाल में खाद का उपयोग शराब बनाने में भी किया जाता है. इसी के चलते भी भारत से नेपाल में हर वर्ष बड़ी मात्रा में खाद पहुंचाया जाता है.इस धंधे में तस्करों की एक बड़ी फौज लगी रहती है. इनका मुख्य धंधा ही तस्करी होता है.
गांव से 36 बैग यूरिया जब्त
शुक्रवार को बॉर्डर से सटे सोनबरसा प्रखंड के इंदरवा गांव में एसएसबी और कृषि विभाग टीम ने संयुक्त रूप से एक घर पर छापेमारी कर भारी मात्रा में यूरिया खाद जब्त किया. उक्त खाद को नेपाल भेजे जाने के लिए रखा हुआ था.खबर मिली है कि एसएसबी के कंपनी कमांडर सह सहायक सेनानायक सुमीत कुमार और सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण आकाश कुमारी ने इंदरवा गांव के दिनेश महतो घर से 36 बैग यूरिया खाद जब्त किया. तस्कर उक्त खाद का कोई कागज नहीं प्रस्तुत कर सका. इस खाद को जब्त कर पुलिस के हवाले कर दिया गया. थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि खाद के अवैध भंडारण को लेकर तस्कर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
डीएओ के हवाले से डीपीआरओ कमल सिंह ने बताया कि 25 दिसंबर को 128 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर छापामारी की गई. गड़बड़ी उजागर होने पर एक विक्रेता का लाइसेंस निलंबित किया गया, जबकि पांच से सफाई मांगी गई है. प्रशासन ने 26 दिसंबर को भी 15 दुकानों पर छापामारी कर एक विक्रेता का लाइसेंस निलंबित किया गया था. चालू वर्ष में तीन विक्रेताओं का लाइसेंस रद्द हो चुकी है,एक पर प्राथमिकी दर्ज हुई है, दो का लाइसेंस निलंबित किया गया है और सात विक्रेताओं से सफाई मांगी गई है.
डीपीआरओ कमल सिंह ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में रबी 2025-26 हेतु पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है.प्रखंडों को लगातार उर्वरक उपलब्ध कराई जा रही है.दिसंबर के अंत तक आईपीएल कंपनी से लगभग 1300 मिट्रिक टन यूरिया जिले को मिलने की उम्मीद है. उपलब्ध कराए गये उर्वरक कालाबाजारी, तस्करी और अनियमितता रोकने के लिए नियमित निगरानी की जा रही है. उर्वरक निरीक्षक लगातार छापामारी कर रहे हैं.
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