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Biharsharif Chunav Result: बिहार शरीफ सीट पर फिर बीजेपी का कब्जा. सुनील कुमार ने ओमैर खान को हराया

Biharsharif Chunav Result 2025: बिहारशरीफ सीट पर मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच था. ये सीट एक बार फिर से बीजेपी के खाते में गई है. सुनील कुमार फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.

Biharsharif Chunav Result: बिहार शरीफ सीट पर फिर बीजेपी का कब्जा. सुनील कुमार ने ओमैर खान को हराया
बिहारा शरीफ पर NDA से सुनील कुमार जीते.
पटना:

नालंदा जिले की बिहार शरीफ सीट पर एनडीए ने जीत हासिल की है. इस सीट पर बीजेपी के डॉक्टर सुनील कुमार ने कब्जा जमाया है.उन्होंने कांग्रेस के ओमैर खान को 29168 को वोटों के अंतर से शिकस्त दी है. सुनील कुमार ने 109304 वोट हासिल किए हैं. नालंदा दिले में होने की वजह से यह सीट एनडीए के लिए काफी अहम थी. इस सीट पर 2020 में भी बीजेपी ने ही कब्जा जमाया था. बीजेपी ने एक बार फिर बिहारशरीफ से मौजूदा विधायक डॉ. सुनील कुमार को टिकट दिया था.

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बिहार शरीफ में मुख्य मुकाबला किसके बीच?

बिहार शरीफ सीट पर पहले चरण में 55.00 प्रतिशत मतदान हुआ है. इस सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी के सुनील कुमार, कांग्रेस के ओमैर खान और जन सुराज के दिनेश कुमार के बीच था. बिहार शरीफ लंबे समय तक जेडीयू की सुरक्षित सीट मानी जाती रही है, हालांकि जेडीयू तो अब एनडीए का ही हिस्सा है. लेकिन अब यहां नए राजनीतिक समीकरण बन रहे हैं. यहां यादव, कुर्मी और मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में हैं, जिनमें यादव-मुस्लिम वोट आरजेडी को बल देता है. जबकि कुर्मी और अगड़ी जातियां जेडीयू -बीजेपी गठबंधन के साथ रहती हैं. विपक्ष इस सीट पर आखिरी बार साल 2000 में जीता था. बीजेपी के सामने इस सीट को बचाना बड़ी चुनौती होगी.

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बिहार शरीफ विधानसभा क्षेत्र 1951 में बना था. तब इसे दक्षिण बिहार कहा जाता था. 1962 में इसे उत्तर बिहार कहा गया और 1967 में इसका नाम बिहारशरीफ पड़ा. यह विधानसभा क्षेत्र नालंदा लोकसभा क्षेत्र के सात खंडों में से एक है.

किस दल ने कितनी बार जीता चुनाव

  • बिहारशरीफ सीट पर अब तक 18 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, शुरुआत में यहां कांग्रेस का कब्जा रहा.
  • कांग्रेस यहां शुरुआती चार चुनाव समेत पांच बार जीत हासिल की है.
  • सीपीआई और बीजेपी,जिसमें जनसंघ शामिल है, ने यहां 4-4 बार जीत हासिल की.
  • जेडीयू यहां से 3 बार और जनता पार्टी और आरजेडी 1-1 बार चुनाव जीत चुकी है.

बिहार शरीफ का जातिगत समीकरण

बिहार शरीफ के जातिगत समीकरण की वजह से यहां सीएम नीतीश की राजनीतिक पकड़ मबहुत मजबूत नहीं रही है. नालंदा जिले के ज्यादातर इलाकों में कुर्मी जाति का वर्चस्व है, वहीं बिहारशरीफ में कोइरी की तादात ज्यादा है. यहां के मौजूदा विधायक डॉ. सुनील कुमार कोइरी जाति से हैं, वह यहां से लगातार 5 बार चनाव जीत चुके हैं. पहले तीन चुनाव उन्होंने जेडीयू के टिकट पर जीते, लेकिन 2013 में जब जेडीयू का बीजेपी से गठबंधन टूटा तो वह बागी होकर बीजेपी में शामिल हो गए. 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव वह बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे.

बिहार शरीफ के लोगों के मुख्य मुद्दे

बिहार शरीफ के लोगों की मुख्य परेशानियां ट्रैफिक अव्यवस्था, जलजमाव, अपराध, बेरोज़गारी और कमजोर नगर योजना हैं. नगर निगम बनने के बावजूद यहां बुनियादी ढांचे की स्थिति संतोषजनक नहीं है. 2020 में जेडीयू ने यहां से जीती जरूर थी लेकिन उसका वोट प्रतिशत घट गया. जबकि आरजेडी और एआईएमआईएम ने मुस्लिम वोटों ने सेंध लगाने का काम किया. इस चुनाव जन सुराज के कार्यकर्ता भी ग्रामीण वार्डों में सक्रिय हैं. 2025 चुनाव यहां 'नीतीश मॉडल' की असली परीक्षा माना जा रहा है, क्योंकि अगर जेडीयू यहां पिछड़ता है तो यह पूरे बिहार की राजनीति में बड़ा संकेत होगा.

बिहारशरीफ सीट पर मतदाताओं की संख्या

बिहारशरीफ विधानसभा क्षेत्र में 2020 के चुनाव तक कुल 3,78,887 रजिस्टर्ड वोटर्स थे, जो 2024 लोकसभा चुनाव में बढ़कर 3,88,088 हो गए. इनमें 14.47% अनुसूचित जातियां, 22.2% मुस्लिम वोटर्स शामिल हैं. बिहार शरीफ शहरी क्षेत्र है, लेकिन यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या भी करीब 33.06 % है. 2020 में इस सीट पर सिर्फ 48.56 % वोटिंग हुई थी.

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