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बिहार में हर बार टूट रहा वोटिंग का रिकॉर्ड, 2020 की तुलना में 10% अधिक मतदान, क्या रिजल्ट पर भी होगा असर?

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बढ़ी हुई वोटिंग से चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.

बिहार में हर बार टूट रहा वोटिंग का रिकॉर्ड, 2020 की तुलना में 10% अधिक मतदान, क्या रिजल्ट पर भी होगा असर?
  • बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में औसत मतदान प्रतिशत 66.97% दर्ज हुआ, जो पिछले चुनावों से दस प्रतिशत अधिक है
  • चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार 60 से अधिक विधानसभा सीटों पर मतदान में कम से कम दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है
  • जागरूकता अभियान, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने मतदाताओं को जोड़ने में भूमिका निभाई है
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पटना:

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मतदाताओं ने उत्साह का नया इतिहास रच दिया है. राज्य में इस बार औसत मतदान प्रतिशत 66.97% दर्ज किया गया, जो पिछले चुनावों की तुलना में अब तक का सबसे बड़ा उछाल है. आंकड़ों पर नजर डालें तो 2010 में मतदान प्रतिशत 52.67% था, 2015 में यह बढ़कर 56.66% हुआ, जबकि 2020 में मामूली वृद्धि के साथ 57.34% तक पहुंचा. लेकिन 2025 में यह आंकड़ा सीधे 66.97% पर पहुंच गया, जो पिछले चुनाव से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है.

चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार 60 से अधिक विधानसभा सीटों पर मतदान में कम से कम 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़त कई कारणों से संभव हुई है. जागरूकता अभियान, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए मतदाताओं को जोड़ने के प्रयासों ने अहम भूमिका निभाई. ग्रामीण इलाकों में भी इस बार अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिला, जहां महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों तक पहुंचे.

साल वोट प्रतिशत
201052.67
201556.66
202057.34
202566.97

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बढ़ी हुई वोटिंग से चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. उच्च मतदान प्रतिशत आमतौर पर सत्ता विरोधी लहर या बदलाव की उम्मीद का संकेत माना जाता है. हालांकि, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि किस दल को इसका फायदा मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि मतदाताओं ने लोकतंत्र में अपनी भागीदारी को मजबूती से दर्ज कराया है.

चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार मतदान प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए अतिरिक्त बूथ, ई-वोटर हेल्पलाइन और रियल-टाइम अपडेट जैसी सुविधाएं दी गईं. इसके अलावा, सोशल मीडिया और स्थानीय अभियानों ने भी लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया. बिहार में लगातार बढ़ते मतदान प्रतिशत यह दर्शाते हैं कि राज्य में लोकतांत्रिक जागरूकता बढ़ रही है. 2010 से 2025 तक के आंकड़े इस बदलाव की गवाही देते हैं. पिछले 15 वर्षों में मतदान में लगभग 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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