विज्ञापन
This Article is From Aug 15, 2024

बिहार के इस शहर में आखिर क्यों आधी रात को फहराया गया तिरंगा, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी

यह किस्सा स्वतंत्रता दिवस की रात का है. लोग हर दिन देश के आजाद होने का इंतजार करते थे, आखिर वो समय आ गया जब देश की आजादी घोषणा होने वाली थी. (पंकज भारतीय की रिपोर्ट)

बिहार के इस शहर में आखिर क्यों आधी रात को फहराया गया तिरंगा, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी
पटना:

आज भारत 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है. यह मौका हर साल 15 अगस्त को मिलता है. आजादी की खुशी में इस पूरे देश में सुबह तिरंगा फहराया जाएगा. लेकिन बिहार के पूर्णिया में 15 नहीं बल्कि 14 अगस्त की आधी रात ही तिरंगा फहराया जाता है. इसके पीछे एक ऐतिहासिक कहानी है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बाघा बॉर्डर में भी ठीक रात 12 बजे ही झंडा फहराने की परंपरा है. हालांकि पूर्णिया में रात को झंडा फहराने के पीछे आजादी से जुड़ी एक रोचक कहानी है. 14 अगस्त की रात में यहां लोग शामिल होते हैं और आजादी का जश्न मनाते हैं.

जानिए पूरी कहानी

यह किस्सा स्वतंत्रता दिवस की रात का है. 14 अगस्त 1947 के दिन पूर्णिया के लोग आजादी की खबर सुनने के लिए बेचैन थे. झंडा चौक चौक स्थित मिश्रा रेडियो की दुकान पर दिनभर भीड़ लगी रही, लेकिन काफी देर बाद भी आजादी की खबर रेडियो पर नहीं आयी. लोग घर लौट आए, मगर मिश्रा रेडियो की दुकान खुली रही.

बताया जाता है कि बाघा बॉर्डर के बाद पूर्णिया देश का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां 14 अगस्त की अंधेरी रात में ही शहर के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के भट्टा बाजार स्थित झंडा चौक पर राष्ट्रगान के बीच तिरंगा फहराया जाता है.

14 अगस्त 1947 की रात देश में जैसे ही स्वतंत्रता की घोषणा हुई, जाने- माने स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर प्रसाद सिंह और उनके साथी रामरतन साह और शमसुल हक इतने उत्साहित हो गए कि देर रात  12:01 मिनट पर ही तिरंगा फहरा दिया. जहां झंडा फहराया गया ,उस जगह का नामकरण झंडा चौक हो गया.तब से झंडोत्तोलन का यह परंपरा आज भी जारी है.अब इस समारोह को राजकीय समारोह का दर्जा देने की मांग तेज हो गई है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com