बिहार का बेरहम अस्पताल, COVID मरीज की मौत के बाद JCB के जरिये दफनाया शव

मामले के तूल पकड़ने पर पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा ने अमौर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र भेजकर शव को इस तरह दफनाने को गंभीर, संवेदनहीनता और लापरवाही का द्योतक बताते हुए स्पष्टीकरण देने को कहा है. 

बिहार का बेरहम अस्पताल, COVID मरीज की मौत के बाद JCB के जरिये दफनाया शव

शव के दाह-संस्कार की जगह दफन करने का निर्णय लिया गया

पटना:

बिहार में कोरोना (Coronavirus) संक्रमण का कहर बढ़ता है. इस बीच, लोगों में मानवीय संवेदनाएं और इंसानियत भी शून्य होती जा रही है. कोरोना संक्रमण से मौत होने पर लोग अपने प्रियजनों के शव का अंतिम संस्कार करने से भी हिचक रहे हैं. इस बीच, बिहार के पूर्णिया जिले में कोरोना संक्रमण मृत व्यक्ति के शव के साथ बेकदरी का मामला सामना आया है. मृत व्यक्ति का दाह संस्कार करने के बजाये जेसीबी से उसके शव को दफन कर दिया गया.

पूर्णिया जिले के अमौर प्रखंड के एडिशनल प्राइमरी हेल्थ सेन्टर बेलगच्छी, जो बहरहाल कोविड केयर सेन्टर बना हुआ है, प्रखंड के नितेन्द्र पंचायत निवासी पंचू यादव (60 वर्ष) की मौत इलाज के दौरान 29 मई को हो गई. पंचू यादव को कोविड सेन्टर में 27 मई को भर्ती कराया गया था. पंचू की मौत के बाद परिजनों और अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता खुल कर सामने आई. मौत के बात शव के अंतिम संस्कार के लिए परिजन नहीं आए तो अस्पताल प्रबंधन ने भी तय अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाईं. 

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अस्पताल प्रबंधन ने शव के दाह-संस्कार की जगह दफन करने का निर्णय लिया और शव को एम्बुलेंस के बजाये जेसीबी पर डालकर दो किमी दूर पलसा पूल के पास ले जाकर दफन कर दिया गया. तब बड़ी ही अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब जेसीबी पर शव डालने के बाद जेसीबी का तेल ही समाप्त हो गया. बाद में तेल की व्यवस्था कर शव को नदी किनारे ले जाया गया. 

मामले के तूल पकड़ने पर पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ एस के वर्मा ने अमौर प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को पत्र भेजकर शव को इस तरह दफनाने को गंभीर, संवेदनहीनता और लापरवाही का द्योतक बताते हुए स्पष्टीकरण देने को कहा है. 

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