
- बिहार चुनाव के पहले चरण के नामांकन में महागठबंधन की कई सीटों पर दो-दो दलों ने उम्मीदवार उतार दिए हैं
- मुकेश सहनी ने गौड़ा बौराम से चुनाव लड़ने की बजाय अपने भाई को उम्मीदवार बनाया है
- राजद ने अफजल अली खान को अपना उम्मीदवार नहीं माना जबकि वे नामांकन वापस नहीं कर रहे हैं
बिहार चुनाव के तहत पहले चरण के नामांकन का आखिरी दिन बीत चुका है लेकिन अब तक महागठबंधन में सीटों की उलझन सुलझ नहीं पाई है. बहादुरपुर, बछवाड़ा, लालगंज, कहलगांव समेत कई ऐसी सीटें हैं जहां गठबंधन में शामिल दो-दो दलों ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. मुकेश सहनी को लेकर जारी रस्साकसी देर शाम खत्म हुई. बताया गया कि वे गौड़ा बौराम से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन आखिरी वक्त में उन्होंने अपने भाई को उतार दिया. सहनी के मानने से पहले ही RJD ने अफजल अली खान को सिंबल दिया था.
अफजल अली खान ने सिंबल नहीं लौटाया. अब वे RJD के उम्मीदवार हैं. संतोष सहनी VIP के उम्मीदवार हैं. अगर अफजल अली खान ने नामांकन वापस नहीं लिया तो EVM पर लालटेन का निशान भी रह जाएगा. अब राजद ने जिलाधिकारी को चिट्ठी लिखकर अफजल अली खान को राजद का उम्मीदवार नहीं मानने को कहा है. अफजल अली खान पिछली बार भी यहां से उम्मीदवार थे. तब उन्हें VIP की ही सवर्णा सिंह ने मात दी थी. अब इस सीट से सवर्णा सिंह के पति सुजीत सिंह उम्मीदवार हैं.

आलमनगर सीट से नवीन निषाद ने राजद और वीआईपी दोनों पार्टियों के उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया है. दरअसल नवीन निषाद पिछला चुनाव राजद के उम्मीदवार के तौर पर लड़े थे. गुरुवार को राबड़ी देवी ने उन्हें राजद का टिकट दे दिया लेकिन बाद में यह सीट वीआईपी के कोटे में चली गई. इसलिए नवीन निषाद ने दोनों पार्टियों से नामांकन कर दिया.
वहीं, जाले सीट ने कांग्रेस ने मो नौशाद को उम्मीदवार बनाया. फिर आखिरी क्षण में राजद से टिकट की कोशिश कर रहे ऋषि मिश्रा को अपना उम्मीदवार बना दिया. कहलगांव सीट पर लालू प्रसाद यादव ने कल रजनीश यादव को सिंबल दिया था. अब इसी सीट से कांग्रेस ने प्रवीण कुशवाहा को उम्मीदवार बना दिया है. यहां फ्रेंडली फाइट होगी.
सहरसा सीट गठबंधन में IIP को गई है. यहां से आईपी गुप्ता उम्मीदवार बने हैं. लेकिन राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशियों की लिस्ट में यहां से रामदेव शर्मा का नाम सोशल मीडिया पर दर्ज है. लालगंज सीट पर भी राजद और कांग्रेस दोनों ने उम्मीदवार उतारे हैं. वैशाली सीट पर भी ऐसी ही स्थिति है. यह लिस्ट और लंबी है. पहले चरण के नामांकन के बाद भी अब राजद ने किसी उम्मीदवार की आधिकारिक लिस्ट जारी नहीं की है. सीटों पर कंफ्यूजन बरकरार है. आखिरी समय में यह कंफ्यूजन महागठबंधन को नुकसान पहुंचा सकता है.
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