बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election) के लिए वोटों की गिनती चल रही है. शुरुआती रुझानों में दिख रहा है कि बीजेपी (BJP) अपने सहयोगी नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से आगे दिख रही है. नीतीश कुमार इस चुनाव में सीएम के रूप में एनडीए का चेहरा हैं. रुझानों से ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार की जेडीयू की वजह से एनडीए के नंबर घट रहे हैं. बिहार में बीजेपी नीतीश कुमार के आगे खुद को दूसरी पोजिशन पर रखती है. इस चुनाव में भी एनडीए नीतीश कुमार की अगुवाई में मैदान में है. अगर यह रुख जारी रहता है तो गठबंधन में नीतीश कुमार का बड़े भाई का दर्जा वापस लिया जा सकता है.
साल 2015 का चुनाव नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था. इससे 2 साल पहले नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर पेश किए जाने पर लंबे समय से सहयोगी रही बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. हालांकि, कांग्रेस और आरजेडी के साथ जेडीयू का यह साथ लंबे समय तक नहीं चल सका.
नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को स्वीकार करके अपनी चमक खो दी. हालांकि, तमाम अड़चनों के बावजूद उन्होंने तीन साल तक बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार चलाई.
इस बीच, भाजपा बार-बार उन अटकलों को खारिज करती आई है, जिसमें कहा गया था कि वह नीतीश कुमार को साइडलाइन करने की कोशिश कर रही थी और जोर देकर कहा कि नीतीश कुमार एनडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं.
हालांकि, एनडीए के एक और सहयोगी चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को हराने के लिए अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा करके पूरी तस्वीर बदल दी. चिराग पासवान ने चुनाव के दौरान बार-बार प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई और चुनाव बाद बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा किया, जिसमें नीतीश कुमार शामिल नहीं होंगे. उन्होंने मतदाताओं से पीएम मोदी या लोजपा को वोट देने की अपील की.
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