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Election Results 2025: तिरहुत की 49 सीटों पर कांटे की टक्कर, यहां जानिए कौन आगे कौन पीछे

तिरहुत प्रमंडल की 49 सीटों पर मतगणना की शुरुआत होने वाली है, जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है. पिछली बार एनडीए ने यहां 33 सीटों पर कब्जा जमाया था.

Election Results 2025: तिरहुत की 49 सीटों पर कांटे की टक्कर, यहां जानिए कौन आगे कौन पीछे
  • बिहार विधानसभा चुनाव के तिरहुत प्रमंडल की 49 सीटों पर एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर है
  • तिरहुत प्रमंडल में छह जिले शामिल हैं जिनमें पूर्वी चंपारण सबसे ज्यादा 12 विधानसभा सीटें हैं
  • 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए ने तिरहुत की 49 सीटों में से 33 सीटें जीती थीं
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नई दिल्ली:

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी 243 सीटों पर मतगणना के शुरुआती रुझान कुछ देर में सामने आने लगेंगे. इनमें तिरहुत प्रमंडल की 49 सीटें खास तौर पर अहम मानी जा रही हैं, जहां इस बार भी एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है.

तिरहुत प्रमंडल में कुल छह जिले शामिल हैं पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली और शिवहर. इनमें सबसे ज्यादा 12 विधानसभा सीटें पूर्वी चंपारण जिले में हैं. मुजफ्फरपुर में 11, पश्चिमी चंपारण में नौ, वैशाली और सीतामढ़ी में आठ-आठ, जबकि शिवहर में सिर्फ एक विधानसभा सीट आती है. इन जिलों के मतदाताओं का झुकाव राज्य की सत्ता की दिशा तय करने में हमेशा से निर्णायक रहा है.

पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2020 में तिरहुत प्रमंडल में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया था. एनडीए गठबंधन ने इस प्रमंडल की 49 में से 33 सीटों पर कब्जा जमाया था. इनमें अकेले भाजपा को 25 सीटें मिली थीं, जबकि जदयू को छह और वीआईपी को दो सीटें हासिल हुई थीं. दूसरी ओर, महागठबंधन को केवल 16 सीटें मिलीं जिनमें राजद ने 13, कांग्रेस ने दो और भाकपा (माले) ने एक सीट जीती थी.

इस बार मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. एनडीए जहां पिछली सफलता दोहराने की कोशिश में है, वहीं महागठबंधन इस इलाके में अपनी पुरानी पकड़ फिर से हासिल करने की जद्दोजहद में जुटा है. पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में कुछ सीटों पर बेहद करीबी मुकाबला बताया जा रहा है. शुरुआती रुझानों में कई सीटों पर मतगणना के शुरुआती चरणों में बढ़त और पिछड़ने का सिलसिला लगातार बदल रहा है.

स्थानीय राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो तिरहुत का यह इलाका हमेशा से जातीय और सामाजिक संतुलन के हिसाब से अहम रहा है. यहीं से राज्य की सत्ता परिवर्तन की हवा कई बार उठी है. भाजपा और राजद दोनों के लिए यह इलाका प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है. मतगणना के अंतिम नतीजों पर सबकी निगाहें टिकी हैं, क्योंकि जो भी दल इस प्रमंडल में बढ़त बनाएगा, बिहार की सत्ता तक उसकी राह कुछ हद तक आसान हो जाएगी.

सीटआगेपीछे
मोतिहारी
चकिया (सुरक्षित)
ढाका
केसरिया
कल्याणपुर (सुरक्षित)
पिपरा
गोविंदगंज
रक्सौल
सुगौली
हरसिद्धि (सुरक्षित)
तुरकौलिया
चिरैया
बेतिया
नरकटियागंज
सिकटा
रामनगर (सुरक्षित)
बैरिया
लौरिया (सुरक्षित)
मझौलिया
वाल्मीकिनगर
गोपालपुर
मुजफ्फरपुर
मीनापुर
बोचहां (सुरक्षित)
पारू
सरैया
कुढ़नी
सकरा
औराई
कांटी
गायघाट
बरूराज
सीतामढ़ी
रीगा
बथनाहा (सुरक्षित)
परिहार
रुणनीसैनी
बाजपट्टी
सुरसंड
हर्सीद्धि
शिवहर

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