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बिहार में 19 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा से चुनाव में NDA को कितना होगा फायदा? पढ़ें इनसाइड स्टोरी

इन जिलों में 9 जिले ऐसे हैं जहां एनडीए ने पिछले चुनाव में महागठबंधन से ज्यादा सीटें जीती थी. सिर्फ 4 जिले ऐसे हैं जहां महागठबंधन ने ज्यादा सीटें जीती.

बिहार में 19 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की घोषणा से चुनाव में NDA को कितना होगा फायदा? पढ़ें इनसाइड स्टोरी
बिहार को 19 नए केंद्रीय विद्यालय की सौगात, चुनाव पर क्या डालेगी असर?
  • बिहार में चुनाव से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने 16 जिलों में 19 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी है
  • इन केंद्रीय विद्यालयों में लगभग तीस हजार विद्यार्थी पढ़ सकेंगे और एक हजार पांच सौ से अधिक शिक्षक बहाल होंगे
  • पटना, मधुबनी और शेखपुरा जिलों में दो-दो केंद्रीय विद्यालय खोलने को मंजूरी मिली है
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पटना:

बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का भले अभी ऐलान नहीं हुआ हो लेकिन इसे लेकर तैयारियों का दौर अभी से शुरू हो गया है. तमाम राजनीतिक पार्टियां इस चुनाव को लेकर अपनी योजनाओं को आखिरी रूप देने में लगी हैं. इस बार राज्य में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है. ये चुनाव बीजेपी के लिए भी बेहद खास है. यही वजह है कि केंद्र सरकार और खुद पीएम मोदी बिहार को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कर चुके हैं. इन्हीं घोषणाओं में से एक है राज्य में 19 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने का ऐलान. कहा जा रहा है कि बीजेपी की इस घोषणा से उसे चुनाव में काफी फायदा पहुंच सकता है. चलिए जानतें नए केंद्रीय विद्यालय बनाए जाने की घोषणा आगामी चुनाव में सत्ता पक्ष को कैसे फायदा पहुंचा सकती है. 

चुनाव से पहले केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार में 19 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने की मंजूरी दी है. राज्य के 16 जिलों में यह 19 विद्यालय खुलेंगे. इन विद्यालयों में करीब 30000 विद्यार्थी पढ़ पाएंगे. इनमें 1 हजार 500 से अधिक शिक्षकों की भी बहाली होगी. पटना, गयाजी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मधुबनी, शेखपुरा, कैमूर, अरवल, भोजपुर, नालंदा, पूर्णिया, भागलपुर, मुंगेर, मधेपुरा, कटिहार और सीतामढ़ी को केंद्रीय विद्यालय के लिए चुना गया है. पटना, मधुबनी और शेखपुरा में दो -दो केंद्रीय विद्यालय को मंजूरी मिली है. चुनाव से पहले इस ऐलान को बिहार के लिए एक अहम घोषणा के रूप में देखा जा रहा है।.

16 में से 9 जिलों में एनडीए 

इन जिलों में 9 जिले ऐसे हैं जहां एनडीए ने पिछले चुनाव में महागठबंधन से ज्यादा सीटें जीती थी. सिर्फ 4 जिले ऐसे हैं जहां महागठबंधन ने ज्यादा सीटें जीती. 3 जिलों में मुकाबला बराबरी का था. इन जिलों में विधानसभा की 110 सीटें हैं. इनमें 65 सीटों पर एनडीए का कब्जा है. एनडीए को उम्मीद है कि इस फैसले से इन इलाको में उसे फायदा होगा. इस फैसले के बाद अब बिहार के सभी जिलों में केंद्रीय विद्यालय हो जाएंगे। दिलचस्प यह है कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को कुछ दिन पहले ही बिहार का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया है। इसके बाद यह फैसला हुआ है. जब 57 में से 19 केंद्रीय विद्यालय बिहार को मिले है। 

मधेपुरा, कैमूर समेत अलग अलग इलाकों के लिए स्थानीय सांसदों ने आवाज उठाई थी. मधेपुरा के सांसद दिनेश चंद्र यादव ने मधेपुरा में केंद्रीय विद्यालय के लिए मांग की थी. वहीं ,बक्सर सांसद सुधाकर सिंह ने भभुआ में केंद्रीय विद्यालय की मांग की थी. दोनों ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया है। वहीं इस फैसले पर राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह निर्णय बिहार के सर्वांगीण और शैक्षणिक विकास में ऐतिहासिक कदम है जिसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को मिलेगा. इससे राष्ट्रीय लोक मोर्चा द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा सुधार मिशन को बल मिला है.

बिहार में चुनाव से पहले राज्य सरकार भी लगातार कई ऐलान कर रही है. युवा बोर्ड के गठन, महिला रोजगार योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि में बढ़ोतरी, मुफ्त बिजली समेत कई ऐलान राज्य सरकार ने किए हैं. केंद्र भी बिहार पर चुनावी वर्ष में मेहरबानी दिखा रहा है. देखना होगा कि इसका कितना फायदा एनडीए को चुनाव में मिलता है. 

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