
- बिहार में महागठबंधन को चुनाव से पहले एक और बड़ा झटका लगा है
- मोहनिया से आरजेडी कैंडिडेट श्वेता सुमन का चुनाव आयोग ने नामांकन रद्द कर दिया है
- श्वेता ने नामांकन रद्द कराने का आरोप बीजेपी पर लगाया है, उन्होंने कहा कि इसके पीछे बीजेपी है
बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के नामांकन रद्द होने का सिलसिला जारी है. अब मोहनियां विधानसभा सीट से आरजेडी प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द हो गया है. नामांकन रद्द होने के बाद श्वेता फूट-फूटकर रोने लगीं. गौरतलब है कि मंगलवार को महागठबंधन के एक और सहयोगी वीआईपी के कैंडिडेट शशिभूषण सिंह का सुगौली विधानसभा से नामांकन रद्द हो गया था. इससे पहले मढ़ौरा सीट से एलजेपी आर की कैंडिडेट सीमा सिंह का भी नामांकन रद्द हो गया था. इस तरह से अबतक तीन कैंडिडेट का नामांकन रद्द हो चुका है.
फूट-फूटकर रोने लगीं श्वेता
नामांकन रद्द होने के बाद आरजेडी प्रत्याशी सुमन ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि उनका नामांकन रद्द बीजेपी के कारण हुआ है. उन्होंने फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि बीजेपी कैंडिडेट का भी जाति प्रमाणपत्र लगा हुआ था लेकिन उनका हो गया मेरा नहीं हुआ. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी को और उनके उम्मीदवार को मुझसे और आरजेडी के डर है. बीजेपी को राष्ट्रीय जनता दल की सरकार आने से डर है. इसलिए वो अन्याय कर रही है. जब समझिए की व्यक्ति को चुनाव लड़ने नहीं दिया जा रहा है लोकतंत्र में उसको ये अधिकार नहीं है तो आप सोचिए कि जब उनकी सरकार आएगी तो वो क्या करने वाले हैं. बिहार का नाश करने वाले हैं.
श्वेता ने कहा- 20 साल से बिहार में रह रही हूं
सुमन ने कहा कि मैं यूपी कि हूं और आरोप लगाया गया था कि मेरा जाति प्रमाणपत्र यूपी का नहीं है. यानी मैं यहां की मूल निवासी नहीं हूं. उन्होंने दावा किया कि वो 20 साल से यहां रह रही हूं. गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने सुमन को यूपी का मूल निवासी मानते हुए उनका नामांकन रद्द कर दिया है. उल्लेखनीय है कि बिहार की किसी आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने के लिए कैंडिडेट का उस राज्य का मूल निवासी होना जरूरी है. मोहनिया से संगीता देवी बीजेपी के कैंडिडेट के तौर पर चुनाव लड़ रही हैं.
बीजेपी ने श्वेता के खिलाफ की थी शिकायत
गौरतलब है कि बीजेपी श्वेता का नामांकन रद्द करवाने के लिए चुनाव आयोग के पास पहुंची थी. बीजेपी का कहना था कि श्वेता मूल रूप से बिहार की निवासी नहीं है. इसलिए उनका नामांकन यहां से रद्द किया जाए. श्वेता ने खुद भी माना है कि वो यूपी से हैं. किसी भी सुरक्षित सीट पर बिहार में चुनाव लड़ने के लिए वहां का मूल निवासी होना जरूरी. है
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