
Shahpur Assembly Seat: बिहार के भोजपुर जिले में शाहपुर विधानसभा सीट सिर्फ अपनी उपजाऊ भूमि के लिए ही नहीं, बल्कि एक खास राजनीतिक विरासत के लिए भी जानी जाती है. यह सीट आरा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है और इसका चुनावी इतिहास बेहद रोचक रहा है, जहां एक ही परिवार की तीन पीढ़ियों ने इस सीट पर अपनी ताकत बनाए रखी है.
राजनीतिक इतिहास
आजादी के बाद, बिहार के पूर्व गृह मंत्री रामानंद तिवारी ने 1952 से 1969 तक लगातार पांच बार इस सीट पर जीत दर्ज की थी. रामानंद तिवारी के पुत्र और राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी भी दो बार (2000 और 2005 में) यहां से विधायक बने. इस विरासत को आगे बढ़ाते हुए, 2015 से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राहुल तिवारी लगातार विधायक हैं. साल 2020 में राहुल तिवारी ने निर्दलीय उम्मीदवार शोभा देवी को 22,883 वोटों के बड़े अंतर से हराया था.
जातीय समीकरण
शाहपुर विधानसभा क्षेत्र मुख्य रूप से ग्रामीण है. इस सीट पर यादव और ब्राह्मण मतदाताओं का प्रभाव अहम माना जाता है.
चुनावी मुद्दे
शाहपुर को शाहाबाद का 'धान का कटोरा' कहा जाता है, क्योंकि यहाँ धान की बंपर उपज होती है. हालांकि, यह क्षेत्र कई बुनियादी चुनौतियों का सामना करता है. गंगा नदी के पास होने की वजह से यह क्षेत्र अक्सर बाढ़ और नदी के कटाव की समस्या झेलता है, जिससे किसानों का पलायन एक बड़ा मुद्दा है. कृषि पर निर्भरता की वजह से यहां उद्योगों की कमी है, जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सीमित हैं.
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