- बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने 202 सीटें जीतकर बड़ा बहुमत और शानदार जीत हासिल की है
- राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में बेटी रोहिणी आचार्य के खिलाफ अनुचित व्यवहार के आरोप सामने आए हैं
- पूर्व सांसद साधु यादव ने परिवार और पार्टी में आत्मचिंतन की जरूरत बताते हुए सुधार करने की बात कही है
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने जहां बंपर जीत हासिल की तो वहीं, महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया. अब विपक्षी दलों में हार की समीक्षा बैठक होने वाली हैं. इस बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में कलह की खबरें सामने आई. लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने आरोप लगाया कि उनके साथ गलत बर्ताव किया गया. इस पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई और पूर्व सांसद साधु यादव ने कहा कि उन लोगों को आत्मचिंतन करने की जरूरत है.
रोहिणी आचार्य के साथ ऐसा व्यवहार गलत है- साधु यादव
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के राजनीति छोड़ने और अपने परिवार से दूरी बनाने पर साधु यादव ने कहा, "राबड़ी देवी मेरी बहन हैं और मैंने भी बहुत कुछ सहा है, लेकिन मैंने अपनी बहन के खिलाफ कभी एक शब्द भी नहीं कहा. जो सुना जा रहा है, जो लोग कह रहे हैं, वह गलत है. रोहिणी आचार्य मेरी भांजी है, हमारे परिवार की बेटी है और बिहार की बेटी है. अगर किसी ने उनके साथ ऐसा व्यवहार किया है, तो यह गलत है."

साधु यादव ने राजद की करारी हार और परिवार में शुरू हुए कलह पर कहा कि हम किसी का नाम नहीं ले सकते, न ही खुलकर बोल सकते हैं, लेकिन इस पर गहन चिंतन और विचार-विमर्श की जरूरत है.
विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार और मुकेश सहनी को डिप्टी उम्मीदवार बनाए जाने के फैसलों को साधु यादव ने अति आत्मविश्वास करार दिया.
उन्होंने कहा कि राजद का प्रदर्शन ख़राब हुआ है. यह स्वीकार्य नहीं है. इसे समझने और इस पर विचार करने की ज़रूरत है. ध्यान से सोचने और सुधार करने की ज़रूरत है.

विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर उन्होंने कहा कि कहना तो नहीं चाहिए, लेकिन यह लोकतंत्र को मजबूत करने का मामला है. कहीं न कहीं लोकतंत्र कमजोर है और मजबूत नहीं दिखता है.
गौरतलब है कि बिहार में एनडीए ने 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में 202 सीट जीतकर शानदार वापसी की है. बीजेपी 89 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं जेडीयू ने 85 सीटें जीतीं, जबकि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19 सीट मिलीं. इधर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को सिर्फ 25 सीटें ही मिल सकी. वहीं कांग्रेस मात्र 6 सीट पर सिमट गई.
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