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Asthawan Result: नीतीश के गृह जिले का अभेद्य दुर्ग भेदने में RJD नाकाम, बड़े अंतर से जीते जितेंद्र कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की अस्थावां (Asthawan Assembly Seat) सीट पर जेडीयू की किलेबंदी कायम रही है. इसमें सेंध लगाने में आरजेडी की कोशिश नाकाम हो गई है.

Asthawan Result: नीतीश के गृह जिले का अभेद्य दुर्ग भेदने में RJD नाकाम, बड़े अंतर से जीते जितेंद्र कुमार

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की अस्थावां (Asthawan Assembly Seat) सीट पर जेडीयू की किलेबंदी कायम रही है. इसमें सेंध लगाने में आरजेडी की कोशिश नाकाम हो गई है. यहां जेडीयू के जितेंद्र कुमार ने 90 हजार से ज्यादा वोटों लेकर 5वीं बार जीत हासिल की है. 

नालंदा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली अस्थावां सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीट है. इस सीट पर पिछले कुछ चुनावों से जदयू का वर्चस्व रहा है. अस्थावां की राजनीति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा से जुड़ी रही है. इसका असर 2025 के चुनावों में भी देखने को मिला है. 

यहां पर जेडीयू के जितेंद्र कुमार ने 40 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से आरजेडी से मैदान में उतरे कतरीसराय के पूर्व मुखिया रवि रंजन कुमार को हराया है. जन सुराज पार्टी की लता सिंह करीब 15 हजार वोट लेकर तीसरे नंबर पर रही हैं. गौर करने की बात ये कि अस्थावां के मैदान में उतरे 4 प्रत्याशियों से ज्यादा वोट नोटा को मिले हैं. 

प्रत्याशीपार्टीवोट
जितेंद्र कुमारजेडीयू90542 
रवि रंजन कुमार आरजेडी49834 
लता सिंहजन सुराज15962 
हिमांशु कुमार पासवानआजाद समाज पार्टी (कांशीराम)4755
शबनम लतानिर्दलीय2316 
बनवारी कुमार बसपा1946 
दीपक कुमार विद्यार्थीसोशलिस्ट यूनिटी सेंटर (कम्युनिस्ट)1794 
नोटा-6550 

इस बार कैसी है फाइट?

अस्थावां में जेडीयू के जितेंद्र कुमार अपनी जीत का सिलसिला कायम रखने के लिए मैदान में उतरे थे, जिसमें वह कामयाब रहे हैं. वहीं आरजेडी ने नया प्रत्याशी उतारकर मुकाबले को रोचक बनाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुई. राजद ने यहां कतरीसराय के पूर्व मुखिया रवि रंजन कुमार को टिकट दिया. वहीं जनसुराज ने कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबी रहे रामचंद्र प्रसाद सिंह (RCP सिंह) की छोटी बेटी लता सिंह को मैदान में उतारा. लेकिन जितेंद्र कुमार ने 40 हजार से ज्यादा वोटों को मार्जिन से हैट्रिक बनाई है. 

पिछली हार-जीत का हिसाब

अस्थावां सीट पर जदयू और राजद के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा है, जिसमें जदयू का पलड़ा भारी रहा है. 2020 विधानसभा चुनाव में यह सीट जनता दल यूनाइटेड (JDU) के जितेंद्र कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अनिल कुमार को 16,,600 वोटों के बड़े अंतर से हराकर जीती थी. यह जीत इस सीट पर जदयू के मजबूत दबदबे को दर्शाती है. इससे पहले, 2015 विधानसभा चुनाव में भी JDU के जितेंद्र कुमार ने LJP के छोटे लाल यादव को 10,444 वोट से अधिक वोटों से हराया था. 2024 के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों को देखें तो अस्थावां विधानसभा की वोटों में बहुत बड़ी बढ़त हासिल की थी. यह मजबूत बढ़त स्पष्ट रूप से इस सीट पर एनडीए के प्रभाव को और पुख्ता करती है.

    इस बार क्या प्रमुख मुद्दे रहे?

    • कृषि और सिंचाई: क्षेत्र में कृषि की प्रधानता है, इसलिए सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक प्रमुख मांग रहती है.

    • औद्योगिक विकास: स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार सृजन हेतु कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.
    • ग्रामीण सड़क संपर्क: ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने की मांग हमेशा बनी रहती है.
    • स्वास्थ्य और शिक्षा: बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं और उच्च शिक्षा के केंद्रों की उपलब्धता सुनिश्चित करना प्रमुख एजेंडा रहता है.

    वोटों का गणित क्या है? 

    चुनाव आयोग द्वारा 30 सितंबर 2025 को जारी अंतिम मतदाता सूची के अनुसार, अस्थावां विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 3,01,833 है. इसमें 1,59,727 पुरुष मतदाता और 1,42,100 महिला मतदाता हैं. थर्ड जेंडर के मतदाता लगभग 80 हैं. 2020 के बाद इस सीट पर मतदाताओं की संख्या में लगभग 7,000 से 8,000 की वृद्धि हुई है. इस सीट पर अनुमानित औसत मतदान प्रतिशत 55% से 58% के बीच रहता है. सामाजिक समीकरणों की दृष्टि से कुर्मी और यादव मतदाताओं की संख्या अधिक और निर्णायक है. कुर्मी मतदाता पारंपरिक रूप से जदयू का आधार रहे हैं. इसके अलावा मुस्लिम, अति पिछड़ा वर्ग (EBC) और दलित मतदाताओं की हिस्सेदारी भी परिणाम को प्रभावित करती है.

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