
- AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों बिहार के सीमांचल इलाके में जनसंपर्क कर रहे हैं.
- ओवैसी ने कहा कि AIMIM ने राजद से छह सीटों पर बराबरी का दर्जा मांगा था, मंत्री पद की मांग नहीं की थी.
- राजद ने AIMIM के गठबंधन प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं दिया, जिससे ओवैसी ने उनकी उपेक्षा की आलोचना की.
AIMIM in Bihar Assembly Election: बिहार विधानसभा चुनाव को सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी है. कुछ दिनों में राज्य में चुनाव की घोषणा हो सकती है. बिहार के चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी बिहार के सीमांचल इलाके में लगातार जनसंपर्क कर रहे हैं. गुरुवार को ओवैसी ने किशनगंज में जनसभाओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने लालू-तेजस्वी पर भी तीखा हमला किया. यह भी कहा कि उनकी पार्टी की ओर से गठबंधन को लेकर कोशिशें की गई, लेकिन उन लोगों की ओर से कोई जवाब नहीं आया.
RJD ने गठबंधन की पहल का जवाब नहीं दिया
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके पुत्र तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन को लेकर उनकी पार्टी की ओर से किए गए आग्रहों पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
हमने कोई मंत्री पद की इच्छा नहीं जताई थीः ओवैसी
उन्होंने कहा कि AIMIM ने केवल बराबरी का दर्जा मांगा था, मंत्री पद की कोई इच्छा जाहिर नहीं की थी. हैदराबाद के सांसद ओवैसी किशनगंज जिले में एक रैली को संबोधित कर रहे थे. यह रैली उनके चार दिवसीय ‘‘सीमांचल न्याय यात्रा'' का हिस्सा है. सीमांचल क्षेत्र में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है.
ओवैसी ने कहा, ‘‘हमारे बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को तीन पत्र लिखकर ‘इंडिया' गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई थी. उन्होंने कहा कि हमने केवल छह सीट की मांग की थी, हमें किसी मंत्री पद की चाहत नहीं थी.''
ओवैसी ने कहा , ‘‘हमारी केवल यही मांग थी कि हमें बराबरी का दर्जा मिले, गुलाम की तरह व्यवहार न किया जाए. लेकिन अब तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया.''
हर जाति के नेता लेकिन मुसलमान के नहींः ओवैसी
राजद की ‘‘उपेक्षा'' को दोषी ठहराते हुए ओवैसी ने कहा कि बिहार में मुस्लिम समुदाय के पास अपनी कोई ठोस नेतृत्वकारी ताकत नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘यादव, कुशवाहा, कुर्मी, मांझी, राजपूत और पासवान यानी हर जाति के अपने नेता हैं. लेकिन मुसलमानों का कोई अपना नेता नहीं है.''
हैदराबाद सांसद ओवैसी ने सवाल किया, ‘‘जब तेजस्वी मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देख सकता है तो सीमांचल का कोई युवा नेता क्यों नहीं बन सकता?''
ओवैसी ने कहा कि उनकी पार्टी ने यह पहल इसलिए की ताकि उसपर BJP की मदद करने के आरोप न लगें. उन्होंने कहा, ‘‘RJD की ओर से सही प्रतिक्रिया नहीं आने से यह साफ हो जाएगा कि वास्तव में BJP की मदद कौन कर रहा है.''
AIMIM उन गद्दारों के खिलाफ जमहूरी तरीके से लड़ाई लड़ेगी, जिन्होंने सीमांचल की जनता को धोखा दिया pic.twitter.com/3YzvNBJuZT
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 25, 2025
बागियों के खिलाफ जमहूरी लड़ाई लड़ेंगेः ओवैसी
AIMIM ने पिछला विधानसभा चुनाव 20 सीट पर लड़ा था और 5 सीट पर जीत हासिल की थी. हालांकि बाद में 5 में से 4 विधायक RJD में शामिल हो गए और केवल अख्तरुल इमान ही पार्टी के साथ बने रहे. पिछले चुनाव में जीतने के बाद पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को गद्दार बताते हुए ओवैसी ने कहा कि AIMIM उन गद्दारों के खिलाफ जमहूरी तरीके से लड़ाई लड़ेगी, जिन्होंने सीमांचल की जनता को धोखा दिया.
सीमांचल क्षेत्र में पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार जिले आते हैं. इस क्षेत्र में अच्छी खासी मुस्लिम आबादी है. ओवैसी दिन में बाद में अररिया जिले में भी जनसभाओं को संबोधित करेंगे.
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