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कैसा होगा इस बार कुटम्‍बा का चुनाव, क्‍या दोहराया जाएगा पिछला इतिहास या बनेगा नया रिकॉर्ड 

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कुटुम्बा सीट पर राजेश कुमार जो कि कांग्रेस पार्टी के हैं, उन्‍होंने जीत हासिल की थी. उन्‍हें करीब 50,822 वोट मिले थे और वोट-शेयर करीब 36.61 फीसदी था. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे शरवन भुइंया थे जो कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)) से आते हैं.

कैसा होगा इस बार कुटम्‍बा का चुनाव, क्‍या दोहराया जाएगा पिछला इतिहास या बनेगा नया रिकॉर्ड 
  • कुटुम्बा विधानसभा सीट बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित एक अनुसूचित जाति आरक्षित ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र है.
  • इस क्षेत्र में करीब 29 प्रतिशत अनुसूचित जाति की आबादी है जो स्थानीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
  • बुनियादी विकास, ग्रामीण सड़कों, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दे चुनावी बहस के केंद्र में हैं.
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पटना:

कुटुम्बा विधानसभा सीट (संख्या 222) बिहार के औरंगाबाद जिले में स्थित एक ग्रामीण-भौतिक रूप से पूरी तरह आबादी वाला निर्वाचन क्षेत्र है, जो कि आरक्षित सीट (एसी) है. यह सीट लोकसभा-क्षेत्र औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है. सामाजिक तौर पर इस क्षेत्र में अनुसूचित जातियों (एससी) का महत्वपूर्ण प्रतिशत है और यह आंकड़ा करीब 29 फीसदी के आसपास है. इस सीट पर दूसरे चरण के तहत यानी 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. 

कौन-कौन से मुद्दे रहेंगे खास 

राजधानी पटना से करीब 150 किलोतीटर दूर कुटुम्‍बा में बुनियादी विकास, ग्रामीण-सड़कें, पानी-बिजली, स्वास्थ्य-शिक्षा जैसे विषय स्थानीय राजनीति में प्रमुख बने हुए हैं. कुटुम्बा विधानसभा क्षेत्र पूरी तरह ग्रामीण है और यहां पर शहरी आबादी न के बराबर है. ऐसे में यहां पर गांवों का विकास, कृषि-सिंचाई, सड़क-इनफ्रास्‍ट्रक्‍चर, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) और  स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे मुद्दे अहम मुद्दों में बने हुए हैं. इसके अलावा, चूंकि यह एसी रिजर्व सीट है, इसलिए सामाजिक न्याय, आरक्षण का प्रभाव, दलित-समुदाय की भागीदारी व उनका वोट भी अहम भूमिका निभाता है. स्थानीय निकायों, पंचायतों और युवा-रोजगार संबंधी मांगें भी चुनावी बहस का हिस्सा रही हैं. 

कैसा था पिछला वोट गणित

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कुटुम्बा सीट पर राजेश कुमार जो कि कांग्रेस पार्टी के हैं, उन्‍होंने जीत हासिल की थी. उन्‍हें करीब 50,822 वोट मिले थे और वोट-शेयर करीब 36.61 फीसदी था. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी थे शरवन भुइंया थे जो कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)) से आते हैं. उन्‍हें उस चुनाव में करीब 34,169 वोट मिले थे और उनका वोट-शेयर करीब 24.61 फीसदी था. जीत का अंतर करीब 16,653 वोटों का दर्ज हुआ था. इस सीट पर वोटिंग परसेंटेज यानी मतदान प्रतिशत करीब 54.67 फीसदी दर्ज हुआ था. इस परिणाम से साफ था कि यहां पर कांग्रेस ने मजबूत वापसी की थी और प्रतिद्वंद्वी दलों की तुलना में बेहतर स्थिति में रही. 

कब-कब कौन जीता 

साल 2015 में भी कांग्रेस के राजेश कुमार ने ही इस सीट पर जीत दर्ज की थी और तब उन्‍हें करीब 51,303 वोट हासिल हुए थे. साल 2010 में इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड यानी जेडीयू के ललन राम को जीत हासिल हुई थी. 
 

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