मतदान केंद्र की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
बिहार में विधानसभा चुनाव अपने पूरे शबाब पर है। 5 में दो चरण के लिए मतदान हो चुका है, जबकि तीसरे चरण के लिए बुधवार को भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच वोट डाले जाएंगे। वैसे तो किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए जो चुनाव में भाग ले रही हो हर चरण महत्वपूर्ण होता है, लेकिन खास तौर पर बीजेपी के लिए यह चरण ज्यादा महत्व रखता है। क्योंकि बीजेपी उम्मीदवार तीसरे चरण की 50 में से 34 सीटों पर किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि 16 सीटों पर एनडीए में उसकी सहयोगी पार्टियों ने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
बता दें कि 2010 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन ने इन 50 में से 43 (जेडीयू-23, बीजेपी-20) सीटों पर कब्जा जमाया था और अन्य 7 सीटें आरजेडी के खाते में गई थीं, लेकिन इस बार दोनों तरफ सहयोगी बदल गए हैं। 2010 में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने नालंदा जिले की 7 सीटों पर कब्जा जमाया था और इस इलाके को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गढ़ माना जाता रहा है।
पहले दो चरण के प्रचार से दूर रहे वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को तीसरे चरण में स्टार प्रचारक के तौर पर उतारा गया। यही नहीं पहले दो चरण में महिला मतदाताओं की बढ़ी हुई संख्या को देखते हुए तीसरे चरण के लिए स्मृति ईरानी, हेमा मालिनी और सुषमा स्वराज को भी प्रचार के लिए उतारा गया।
इन सीटों पर होगा चुनाव
सारण
एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा(एससी), अमनौर, परसा
वैशाली
हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राजा पाकर(एससी), राघोपुर, पातेपुर, महनार
नालंदा
अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर(एससी), इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा, हरनौत
पटना
मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारी(एससी), मसौढ़ी(एससी), पालीगंज, बिक्रम
भोजपुर
संदेश, बरहारा, आरा, अगियांव(एससी), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर
बक्सर
ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर(एससी)
तीसरे चरण के बारे में कुछ खास बातें
किस पार्टी के कितने उम्मीदवार मैदान में
अमीर और गरीब उम्मीदवार
चुनाव को लोकतंत्र का पर्व कहा जाता है और इसमें अमीर-गरीब कोई भी भाग ले सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में करीब 928 करोड़ की सम्पत्ति के साथ निर्दलीय रमेश शर्मा पटना की बिक्रम विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। उनके अलावा 111 करोड़ की सम्पत्ति के साथ डॉ. कुमार इंद्रदेव भी निर्दलीय के रूप में पटना की बाढ़ विधानसभा से ताल ठोक रहे हैं। पटना की बख्तियारपुर विधानसभा सीट से बीएसपी उम्मीदवार अखिलेश कुमार की कुल सम्पत्ति करीब 61 करोड़ की है।
उधर अस्थावां विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार युगेश्वर मांझी और फतुहा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार कुमार राजीव के पास कोई सम्पत्ति नहीं है।
युवा होती राजनीति
तीसरे चरण के चुनाव में कुल 808 उम्मीदवारों में से 576 यानी करीब 72 फीसदी उम्मीदवार 25-50 उम्र के हैं। 226 यानी करीब 28 फीसदी उम्मीदवारों की उम्र 51-80 की बीच है और एक उम्मीदवार 80 साल से ज्यादा उम्र का भी है। जबकि 2 उम्मीदवारों ने अपनी उम्र का खुलासा नहीं किया है।
कितने पढ़े-लिखे हैं नेता जी!
तीसरे चरण में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों में से 384 यानी करीब 48 फीसदी उम्मीदवार ग्रेजुएट या उससे आगे तक पढ़े हैं। इनमें से 30 ने डॉक्टरेट की है, 97 पोस्ट ग्रेजुएट, 67 के पास ग्रेजुएशन के साथ प्रोफेशनल डिग्री भी है और 190 सिर्फ ग्रेजुएट हैं। 361 यानी करीब 45 फीसदी उम्मीदवार 5वीं से 12वीं तक पढ़े हैं। इनमें 159 उम्मीदवार 12वीं पास, 127-10वीं पास, 52-8वीं पास, 23-5वीं पास और 54 उम्मीदवारों साधारण पढ़ना-लिखना जानते हैं।
राजनीति का आपराधीकरण
बता दें कि तीसरे चरण के चुनाव में 27 फीसदी यानी 215 उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड हैं। मोकामा और दीघा में सबसे ज्यादा आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 31 उम्मीदवारों पर हत्या का आरोप है, जबकि 57 पर हत्या की कोशिश और 12 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल होने का आरोप है। 4 उम्मीदवारों पर दंगा, 13 पर लूट व डकैती और 13 उम्मीदवारों पर अपहरण के मामले चल रहे हैं।
इन उम्मीदवारों की किस्मत होगी दांव पर
तीसरे चरण में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, नंद किशोर यादव, बाहुबली अनंत सिंह और नितिन नवीन जैसे दिग्गजों की किस्मत दांव पर होगी।
महुआ विधानसभा सीट पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनका मुकाबला हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी जीतन राम मांझी की पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र राय से है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले राजगीर से उम्मीदवार की घोषणा करने में जेडीयू ने काफी वक्त लिया। लंबे इंतजार के बात आखिरकार रवि ज्योति को मैदान में उतारा गया है। रवि ज्योति अपनी दारोगा की नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां इस पूर्व पुलिसकर्मी का मुकाबला वरिष्ठ नेता बीजेपी सत्यदेव नारायण आर्य से है, जो 1977 से अब तक कई बार जीतते रहे हैं।
आरजेडी नेता संतोष मेहता दिग्गज बीजेपी नेता नंदकिशोर यादव को अपना राजनीतिक गुरु मानते रहे हैं। लेकिन इस बार मुकाबला गुरु-चेले में ही है। पटना साहिब से दोनों अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
राघोपुर विधानसभा सीट आरजेडी और खासकर पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। यहां लालू के बेटे तेजस्वी यादव और बीजेपी उम्मीदवार सतीश कुमार के बीच कड़ा मुकाबला दिख सकता है।
बीजेपी के भीष्म पितामह कैलाशपति मिश्रा की बहू दिलमानो देवी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार बक्सर जिले के ब्रह्मपुर विधानसभा से चुनाव मैदान में हैं, उन्हें टक्कर दे रहे हैं बीजेपी उम्मीदवार व सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर। बाढ़ के मोकामा सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प दिख रहा है। जेडीयू ने अपने प्रवक्ता नीरज को यहां से मैदान में उतारा है तो उन्हें जेडीयू के टिकट से निर्वाचित मौजूदा विधायक अनंत सिंह निर्दलीय के रूप में टक्कर दे रहे हैं। एनडीए की ओर से सूरजभान के भाई कन्हैया सिंह मैदान में हैं।
बीजेपी नेता नितिन नवीन बांकीपुर विधानसभा सीट से एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं। महागठबंधन की तरफ से कुमार आशीष उनका मुकाबला कर रहे हैं। वैशाली से 6 बार विधायक रह चुके पूर्व मंत्री वृशिण पटेल इस बार हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के टिकट से मैदान में हैं और उनका मुकाबला जेडीयू के राजकिशोर सिंह से है।
बाढ़ विधानसभा सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। यहां कभी नीतीश के वफादार रहे एनडीए उम्मीदवार ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू का मुकाबला महागठबंधन के मनोज कुमार सिंह करेंगें। उधर फुलवारी शरीफ विधानसभा सीट से श्याम रजक मैदान में हैं।
बता दें कि 2010 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन ने इन 50 में से 43 (जेडीयू-23, बीजेपी-20) सीटों पर कब्जा जमाया था और अन्य 7 सीटें आरजेडी के खाते में गई थीं, लेकिन इस बार दोनों तरफ सहयोगी बदल गए हैं। 2010 में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने नालंदा जिले की 7 सीटों पर कब्जा जमाया था और इस इलाके को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गढ़ माना जाता रहा है।
पहले दो चरण के प्रचार से दूर रहे वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को तीसरे चरण में स्टार प्रचारक के तौर पर उतारा गया। यही नहीं पहले दो चरण में महिला मतदाताओं की बढ़ी हुई संख्या को देखते हुए तीसरे चरण के लिए स्मृति ईरानी, हेमा मालिनी और सुषमा स्वराज को भी प्रचार के लिए उतारा गया।
इन सीटों पर होगा चुनाव
सारण
एकमा, मांझी, बनियापुर, तरैया, मढ़ौरा, छपरा, गरखा(एससी), अमनौर, परसा
वैशाली
हाजीपुर, लालगंज, वैशाली, महुआ, राजा पाकर(एससी), राघोपुर, पातेपुर, महनार
नालंदा
अस्थावां, बिहारशरीफ, राजगीर(एससी), इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा, हरनौत
पटना
मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब, फतुहा, दानापुर, मनेर, फुलवारी(एससी), मसौढ़ी(एससी), पालीगंज, बिक्रम
भोजपुर
संदेश, बरहारा, आरा, अगियांव(एससी), तरारी, जगदीशपुर, शाहपुर
बक्सर
ब्रह्मपुर, बक्सर, डुमरांव, राजपुर(एससी)
तीसरे चरण के बारे में कुछ खास बातें
- कुल 50 विधानसभा सीटों पर होगा मतदान
- इस चरण में कुल महिला उम्मीदवार - 71 (9 फीसदी)
- कुल मतदान केंद्र - 13,648
- इस चरण में कुल वैध मतदाता - 1,45,18,705
- महिला मतदाता - 66,86,718
- पुरुष वोटर - 78,31,388
- तृतीय लिंग - 599
- इस चरण में कुल 808 उम्मीदवार हैं मैदान में
किस पार्टी के कितने उम्मीदवार मैदान में
- बहुजन समाज पार्टी - 47
- भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)- 34
- समाजवादी पार्टी - 31
- सीपीआई (एमएल) (एल) - 27
- राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)- 25
- जन अधिकार पार्टी (एल) - 24
- सीपीआई - 19
- जनता दल युनाइटेड (जेडीयू)- 18
- लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी)- 10
- कांग्रेस - 7
- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम)- 4
- राष्ट्रीय लोक समता पार्टी - 2
- निर्दलीय - 276
अमीर और गरीब उम्मीदवार
चुनाव को लोकतंत्र का पर्व कहा जाता है और इसमें अमीर-गरीब कोई भी भाग ले सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में करीब 928 करोड़ की सम्पत्ति के साथ निर्दलीय रमेश शर्मा पटना की बिक्रम विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं। उनके अलावा 111 करोड़ की सम्पत्ति के साथ डॉ. कुमार इंद्रदेव भी निर्दलीय के रूप में पटना की बाढ़ विधानसभा से ताल ठोक रहे हैं। पटना की बख्तियारपुर विधानसभा सीट से बीएसपी उम्मीदवार अखिलेश कुमार की कुल सम्पत्ति करीब 61 करोड़ की है।
उधर अस्थावां विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार युगेश्वर मांझी और फतुहा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार कुमार राजीव के पास कोई सम्पत्ति नहीं है।
युवा होती राजनीति
तीसरे चरण के चुनाव में कुल 808 उम्मीदवारों में से 576 यानी करीब 72 फीसदी उम्मीदवार 25-50 उम्र के हैं। 226 यानी करीब 28 फीसदी उम्मीदवारों की उम्र 51-80 की बीच है और एक उम्मीदवार 80 साल से ज्यादा उम्र का भी है। जबकि 2 उम्मीदवारों ने अपनी उम्र का खुलासा नहीं किया है।
कितने पढ़े-लिखे हैं नेता जी!
तीसरे चरण में भाग्य आजमा रहे उम्मीदवारों में से 384 यानी करीब 48 फीसदी उम्मीदवार ग्रेजुएट या उससे आगे तक पढ़े हैं। इनमें से 30 ने डॉक्टरेट की है, 97 पोस्ट ग्रेजुएट, 67 के पास ग्रेजुएशन के साथ प्रोफेशनल डिग्री भी है और 190 सिर्फ ग्रेजुएट हैं। 361 यानी करीब 45 फीसदी उम्मीदवार 5वीं से 12वीं तक पढ़े हैं। इनमें 159 उम्मीदवार 12वीं पास, 127-10वीं पास, 52-8वीं पास, 23-5वीं पास और 54 उम्मीदवारों साधारण पढ़ना-लिखना जानते हैं।
राजनीति का आपराधीकरण
बता दें कि तीसरे चरण के चुनाव में 27 फीसदी यानी 215 उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड हैं। मोकामा और दीघा में सबसे ज्यादा आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 31 उम्मीदवारों पर हत्या का आरोप है, जबकि 57 पर हत्या की कोशिश और 12 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल होने का आरोप है। 4 उम्मीदवारों पर दंगा, 13 पर लूट व डकैती और 13 उम्मीदवारों पर अपहरण के मामले चल रहे हैं।
इन उम्मीदवारों की किस्मत होगी दांव पर
तीसरे चरण में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, नंद किशोर यादव, बाहुबली अनंत सिंह और नितिन नवीन जैसे दिग्गजों की किस्मत दांव पर होगी।
महुआ विधानसभा सीट पर आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। उनका मुकाबला हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी जीतन राम मांझी की पार्टी के उम्मीदवार रवींद्र राय से है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले राजगीर से उम्मीदवार की घोषणा करने में जेडीयू ने काफी वक्त लिया। लंबे इंतजार के बात आखिरकार रवि ज्योति को मैदान में उतारा गया है। रवि ज्योति अपनी दारोगा की नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां इस पूर्व पुलिसकर्मी का मुकाबला वरिष्ठ नेता बीजेपी सत्यदेव नारायण आर्य से है, जो 1977 से अब तक कई बार जीतते रहे हैं।
आरजेडी नेता संतोष मेहता दिग्गज बीजेपी नेता नंदकिशोर यादव को अपना राजनीतिक गुरु मानते रहे हैं। लेकिन इस बार मुकाबला गुरु-चेले में ही है। पटना साहिब से दोनों अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
राघोपुर विधानसभा सीट आरजेडी और खासकर पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। यहां लालू के बेटे तेजस्वी यादव और बीजेपी उम्मीदवार सतीश कुमार के बीच कड़ा मुकाबला दिख सकता है।
बीजेपी के भीष्म पितामह कैलाशपति मिश्रा की बहू दिलमानो देवी बतौर निर्दलीय उम्मीदवार बक्सर जिले के ब्रह्मपुर विधानसभा से चुनाव मैदान में हैं, उन्हें टक्कर दे रहे हैं बीजेपी उम्मीदवार व सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर। बाढ़ के मोकामा सीट पर भी मुकाबला दिलचस्प दिख रहा है। जेडीयू ने अपने प्रवक्ता नीरज को यहां से मैदान में उतारा है तो उन्हें जेडीयू के टिकट से निर्वाचित मौजूदा विधायक अनंत सिंह निर्दलीय के रूप में टक्कर दे रहे हैं। एनडीए की ओर से सूरजभान के भाई कन्हैया सिंह मैदान में हैं।
बीजेपी नेता नितिन नवीन बांकीपुर विधानसभा सीट से एक बार फिर किस्मत आजमा रहे हैं। महागठबंधन की तरफ से कुमार आशीष उनका मुकाबला कर रहे हैं। वैशाली से 6 बार विधायक रह चुके पूर्व मंत्री वृशिण पटेल इस बार हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के टिकट से मैदान में हैं और उनका मुकाबला जेडीयू के राजकिशोर सिंह से है।
बाढ़ विधानसभा सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। यहां कभी नीतीश के वफादार रहे एनडीए उम्मीदवार ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू का मुकाबला महागठबंधन के मनोज कुमार सिंह करेंगें। उधर फुलवारी शरीफ विधानसभा सीट से श्याम रजक मैदान में हैं।
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