रविशंकर प्रसाद (फाइल फोटो)
पटना:
केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैकेज को 'री-पैकेजिंग' बताए जाने पर आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नीतीश पैकेज पर राजनीति कर रहे हैं। पटना में भाजपा के प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, 'नीतीश को बिहार की चिंता नहीं है। वे पैकेज की राजनीति कर रहे हैं।'
कांग्रेस ने खारिज की थी बिहार को विशेष दर्जे की मांग
उन्होंने कहा, 'बिहार चुनाव में एक तरफ पैकेज की राजनीति करने का दिखावा करने वाले नीतीश हैं और दूसरी तरफ ईमानदारी से बिहार के विकास करने का संकल्प लेने वाली भाजपा है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए नीतीश कुमार लगातार भाजपा पर हमला बोलते रहे हैं। जबकि इस बारे में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पहले सवाल पूछना चाहिए, क्योंकि सन 2012 में मनमोहन सिंह की सरकार ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था। इस मामले में आज भाजपा पर आरोप लगाकर राज्य की जनता के बीच भ्रम फैलाने से पहले नीतीश को अपने सहयोगी दल कांग्रेस से इस पर सवाल पूछना चाहिए।
निवेशक राज्य में निवेश से पीछे हट रहे
प्रसाद ने नीतीश से प्रश्न करते हुए कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि वर्ष 2012-13 में बिहार में जहां पूंजी निवेश के 17,452 करोड़ रुपये के प्रस्ताव आए थे तो एक वर्ष बाद 2013-14 में मात्र 6,059 करोड़ रुपये के प्रस्ताव ही क्यों आए? उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है और कानून व्यवस्था में भी गिरावट आई है। ऐसे में राज्य में पूंजी निवेश करने से निवेशक पीछे हट रहे हैं।
कांग्रेस ने खारिज की थी बिहार को विशेष दर्जे की मांग
उन्होंने कहा, 'बिहार चुनाव में एक तरफ पैकेज की राजनीति करने का दिखावा करने वाले नीतीश हैं और दूसरी तरफ ईमानदारी से बिहार के विकास करने का संकल्प लेने वाली भाजपा है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए नीतीश कुमार लगातार भाजपा पर हमला बोलते रहे हैं। जबकि इस बारे में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पहले सवाल पूछना चाहिए, क्योंकि सन 2012 में मनमोहन सिंह की सरकार ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था। इस मामले में आज भाजपा पर आरोप लगाकर राज्य की जनता के बीच भ्रम फैलाने से पहले नीतीश को अपने सहयोगी दल कांग्रेस से इस पर सवाल पूछना चाहिए।
निवेशक राज्य में निवेश से पीछे हट रहे
प्रसाद ने नीतीश से प्रश्न करते हुए कहा कि उन्हें यह बताना चाहिए कि वर्ष 2012-13 में बिहार में जहां पूंजी निवेश के 17,452 करोड़ रुपये के प्रस्ताव आए थे तो एक वर्ष बाद 2013-14 में मात्र 6,059 करोड़ रुपये के प्रस्ताव ही क्यों आए? उन्होंने कहा कि राज्य में अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ा है और कानून व्यवस्था में भी गिरावट आई है। ऐसे में राज्य में पूंजी निवेश करने से निवेशक पीछे हट रहे हैं।
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