फाइल फोटो
नई दिल्ली:
बिहार में महागठबंधन के हाथों मिली हार के बाद भाजपा में वृहद स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को पार्टी के वैचारिक मार्गदर्शक माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत से भेंट की।
आरक्षण पर संघ प्रमुख की टिप्पणी को नहीं माना हार का कारण
सूत्रों के अनुसार, शाह ने संघ प्रमुख के सामने भाजपा की हार के कारणों पर अपना आकलन रखा। उन्होंने भागवत को यह भी बताया कि इन महत्वपूर्ण चुनाव के ठीक पहले आरक्षण के मुद्दे पर संघ प्रमुख की विवादास्पद टिप्पणी इस हार का कारण नहीं है। माना जा रहा है कि इस बयान के कारण वोटों का ध्रुवीकरण हुआ और पिछड़ी जाति के लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट किया। बिहार में महा गठबंधन की 'महा जीत' में दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग का अच्छा खासा योगदान रहा।
भागवत ने बताई थी आरक्षण नीति की समीक्षा की जरूरत
वैसे, भागवत ने बिहार चुनाव से ठीक पहले जो बयान दिया था, उसे कई लोग नतीजों के लिहाज से टर्निंग पाइंट मान रहे हैं। सितंबर में दिए गए भाषण में संघ प्रमुख ने देश की आरक्षण नीति को फलदायी नहीं मानते हुए इसकी समीक्षा की जरूरत बताई थी। यहां तक कि एनडीए के सहयोगी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा , 'मोहन भागवत का आरक्षण को लेकर बयान गलत नहीं है, लेकिन चुनाव के दौरान ऐसी बातें करना सही नहीं था। इससे लालू लोगों तक यह बात पहुंचाने में सफल रही कि भाजपा आरक्षण को खत्म कर देगी।'
आरक्षण पर संघ प्रमुख की टिप्पणी को नहीं माना हार का कारण
सूत्रों के अनुसार, शाह ने संघ प्रमुख के सामने भाजपा की हार के कारणों पर अपना आकलन रखा। उन्होंने भागवत को यह भी बताया कि इन महत्वपूर्ण चुनाव के ठीक पहले आरक्षण के मुद्दे पर संघ प्रमुख की विवादास्पद टिप्पणी इस हार का कारण नहीं है। माना जा रहा है कि इस बयान के कारण वोटों का ध्रुवीकरण हुआ और पिछड़ी जाति के लोगों ने भाजपा के खिलाफ वोट किया। बिहार में महा गठबंधन की 'महा जीत' में दलितों और अन्य पिछड़ा वर्ग का अच्छा खासा योगदान रहा।
भागवत ने बताई थी आरक्षण नीति की समीक्षा की जरूरत
वैसे, भागवत ने बिहार चुनाव से ठीक पहले जो बयान दिया था, उसे कई लोग नतीजों के लिहाज से टर्निंग पाइंट मान रहे हैं। सितंबर में दिए गए भाषण में संघ प्रमुख ने देश की आरक्षण नीति को फलदायी नहीं मानते हुए इसकी समीक्षा की जरूरत बताई थी। यहां तक कि एनडीए के सहयोगी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा , 'मोहन भागवत का आरक्षण को लेकर बयान गलत नहीं है, लेकिन चुनाव के दौरान ऐसी बातें करना सही नहीं था। इससे लालू लोगों तक यह बात पहुंचाने में सफल रही कि भाजपा आरक्षण को खत्म कर देगी।'
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