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This Article is From Oct 10, 2015

बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का प्रचार थमा, वोटिंग 12 को

बिहार विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण का प्रचार थमा, वोटिंग 12 को
मुंगेर में पीएम मोदी की रैली में उपस्थित भीड़ (फाइल फोटो)
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए प्रथम चरण का चुनाव प्रचार शनिवार शाम पांच बजे थम गया। प्रथम चरण में राज्य के 10 जिलों समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा और जमुई के कुल 49 विधानसभा क्षेत्रों में 12 अक्टूबर को मतदान होना है। बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस महागठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में सारी ताकत झोंक दी।

बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' शामिल हैं। इस गठबंधन के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल रहे, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार ने प्रचार कमान संभाली।

बिहार विधानसभा के प्रथम चरण में 8 और 9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह रैलियों को संबोधित किया तथा पार्टी के केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, अनंत कुमार और कलराज मिश्र ने भी बीजेपी प्रत्याशियों और गठबंधन के पक्ष में प्रचार किया।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीजेपी का दृष्टि पत्र जारी किया था, जिसमें लैपटॉप, छात्राओं को स्कूटी और दलितों को रंगीन टीवी देने का वादा किया गया है। बीजेपी के अन्य घटक दलों एलजेपी, रालोसपा और हम (सेक्युलर) के नेताओं रामविलास पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ने भी अपने-अपने दलों और गठबंधन के पक्ष में प्रचार किया।

महागठबंधन में शामिल दो क्षेत्रीय दल जेडीयू और आरजेडी के स्टार प्रचारक जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद थे, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के प्रत्याशियों और महागठबंधन के पक्ष में एक-एक दिन प्रचार में भाग लिया।

बिहार विधानसभा के प्रथम चरण में नेताओं के अपने भाषणों में अपने विरोधियों के खिलाफ 'शैतान', 'ब्रहम पिशाच', 'नरभक्षी', 'चारा चोर', 'तड़ीपार' सहित अन्य विवादित शब्दों का प्रयोग किया। निर्वाचन आयोग ने हस्तक्षेप करते हुए इस पर गहरा दुख व्यक्त किया और नेताओं से आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए ऐसे शब्दों के प्रयोग से परहेज करने को कहा।

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